यूपीएससी सिविल सर्विस में महिलाएं अधिक शामिल हो रहीं, लेकिन महिलाओं की सफलता की दर कम

दुनिया के सबसे कठिन परीक्षाओं में महिलाओं के शामिल होने की संख्या बढ़ी है। आधिकारिक डेटा की मानें तो साल 2019 के एग्जाम से पिछले कुछ सालों में महिलाओं के सफल होने के दर में कमी आ रही है। यह दर 0.12 है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2000 में 85 महिलाओं ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में क्वालीफाई किया था, वहीं 2019 में यह संख्या 220 थी। 

इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट में लगी खबर के मुताबिक  2001 की बात करें तो परीक्षा में बैठने के लिए  47,392 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, 2011 में यह संख्या बढ़कर 1,35,075 हो गई। इसके बाद 2019 में  3,67,085 महिलाएं इस परीक्षा में शामिल हुईं। सबसे अधिक 2019 में महिलाएं इस परीक्षा में शामिल हुईं थी। 

आपको बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग सिविल सर्विस परीक्षा का आयोजन कराता है। इस एग्जाम के जरिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ग्रुप ए और ग्रुप बी लेवल ऑफिसर के पदों पर भर्ती होती है। पहले जहां पुरुष ही इस परीक्षा में अधिक भाग लेते थे, वहां अब महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। आपको बता दें कि इस बार 1105 पदों पर भर्ती निकली है जो पिछले सात सालों में सबसे अधिक है। पिछले साल 1101 पद थे। 2021 में 712, 2020 में 796, 2019 में 896, 2018 में 782, 2017 में 980, 2016 में 1079 , 2015 में 1164, 2014 में 1364 पद थे। इस भर्ती परीक्षा में हर साल करीब 8 से 9 लाख युवा बैठते हैं। 

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