आप झगड़ा करवा देंगे और वे कल एक और बयान दे देंगे; राहुल गांधी पर बोले गौतम अडानी

नई दिल्ली. दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी ने शनिवार को राहुल गांधी को लेकर जवाब दिया। उन्होंने राहुल गांधी को सम्मानीय नेता बताते हुए कहा कि उन्हें भी पॉलिटिकल पार्टी चलानी है। मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी पर काफी हमले किए हैं। वे केंद्र सरकार पर अडानी को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाते रहे हैं। एक इंटरव्यू में राहुल गांधी को लेकर पूछे गए सवाल पर गौतम अडानी ने कहा, ”राहुलजी की बार-बार बात करके वापस आप मेरा राहुलजी से झगड़ा करवा देंगे और वे कल एक और बयान दे देंगे। राहुल जी एक सम्माननीय नेता हैं। उनको भी पॉलिटिकल पार्टी चलानी है। उनकी विचारधारा की लड़ाई होती है। उसमें आरोप-प्रत्यारोप होता है। मैं तो एक सामान्य उद्योगपति हूं। मैं मेरा काम करता हूं। वो पॉलिटिक्स अपने हिसाब से करते हैं।”

‘इंडिया टीवी’ के ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम में शामिल हुए गौतम अडानी ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे भी प्रोग्रस चाहते हैं। हो सकता है कि वे राजनैतिक भावना से टिप्पणी कर रहे हों, लेकिन मैं उसे सिर्फ पॉलिटिकल बयानबाजी से ज्यादा कुछ नहीं लेता। अडानी ने आगे कहा, ”2014 से पहले, विशेष रूप से उत्तर भारत में लोगों ने अडानी का नाम शायद ही सुना होगा। हम गुजरात से ताल्लुक रखते हैं, जहां के लोग हमें जानते थे। 2014 के चुनाव के दौरान और उसके बाद राहुल जी ने हम पर लगातार हमले किए। नतीजा यह हुआ कि यहां के लोगों को पता चला कि अदानी कौन हैं और इसलिए मैं यहां (आप की अदालत के कटघरे में) बैठा हूं।” 

पीएम मोदी पर क्या बोले अडानी?
वहीं, पीएम मोदी को लेकर अडानी ने कहा कि मुझे अपने जीवन में तीन बड़े ब्रेक मिले। पहला, 1985 में राजीव गांधी के शासन के दौरान, जब एक्ज़िम नीति ने हमारी कंपनी को एक वैश्विक व्यापारिक घराना बनने की अनुमति दी। दूसरा 1991 में जब पी.वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को खोला और हमने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में प्रवेश किया। उन्होंने आगे बताया कि तीसरा गुजरात में नरेंद्र मोदी के 12 साल के लंबे शासन के दौरान ब्रेक मिला। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि यह एक बहुत अच्छा अनुभव था। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मोदी जी से आपको कभी कोई निजी मदद नहीं मिल सकती है। आप उनसे राष्ट्रहित की नीतियों के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन जब कोई नीति बनाई जाती है, तो वह सभी के लिए होती है, केवल अडानी समूह के लिए नहीं।

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