दूल्हे को धमकाया, विरोध पर हुए उतारू; छात्रों ने नाबालिग साथी का रोका विवाह
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में स्कूली छात्रों ने एक बाल विवाह को रोककर न केवल सामाजिक जिम्मेदारी पूरी की, बल्कि दोस्ती की फर्ज भी अदा किया है। खबर है कि कुछ छात्रों ने अपनी नाबालिग साथी के विवाह को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की और अंत में सफल भी हुए। कहा जा रहा है कि आर्थिक परेशानियों के चलते लड़की के माता-पिता ने जल्दी शादी करने का फैसला किया था।
मामला पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले का है। यहां स्थित गोलार सुशीला हाई स्कूल के 9वीं के छात्रों ने बाल विवाह रोकने का जिम्मा उठाया। दरअसल, उन्होंने पाया कि साथी छात्रा एक सप्ताह से स्कूल नहीं आ रही है। जैसे ही उन्हें पता लगा कि उसकी शादी तय हो गई है, तो वे छात्रा के घर पहुंच गए और उसे स्कूल वापस भेजने की मांग की। हालात बिगड़ते देख लड़की के परिजन पीछे के दरवाजे से होने वाले दूल्हे के घर ले गए।
जब छात्रों के इस घटना का पता चला, तो उन्होंने इसका विरोध किया। इतना ही नहीं वे होने वाले दूल्हे के घर पहुंच गए और अनिश्चितकाल विरोध शुरू करने की धमकी दे। अब परेशानी से बचने के लिए परिवार ने छात्रा को उसके सहपाठियों को सौंप दिया और वे उसे लेकर स्कूल आ गए। मामले के सामने आने के बाद छात्रों की जमकर तारीफ हो रही है।
स्कूल के हेडमास्टर सुरेश चंद्र पाडिया ने छात्रों की तारीफ की और कहा कि केवल उनकी दृढ़ता की वजह से ही शादी रुक पाई। केशपुर ब्लॉक के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर दीपक कुमार घोष कहते हैं कि छात्रा के परिवार ने वादा किया है कि 18 साल की होने से पहले शादी नहीं करेंगे।