मूर्ति लगाने को लेकर विवाद, पुलिस पर पथराव; ग्रामीणों ने आग लगाई
जयपुर. राजस्थान के भरतपु जिले के नदबई क्षेत्र में महाराजा सूरजमल, डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर एक बार फिर से विवाद गहरा गया है। बुधवार शाम को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और नदबई विधायक जोगिंदर अवाना की प्रेस वार्ता के बाद देर रात को लोगों ने नदबई क्षेत्र के बैलारा पर ईंधन डालकर सड़क पर आग लगा दी। पुलिस ने आग को बुझा कर सड़क खोलने का प्रयास किया, तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। ऐसे में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं, इस घटनाक्रम के बाद क्षेत्र में एक बार फिर से मूर्ति स्थापना का विवाद गहरा गया है।
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की अपील बेअसर
उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और नदबई विधायक जोगिंदर अवाना ने बुधवार शाम को प्रेसवार्ता की। इस दौरान मंत्री विश्वेंद्र ने कहा कि तीनों महापुरुषों की मूर्तियां लग रही हैं। इसमें दलगत राजनीति न करके उससे ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को बैलारा बाईपास चौराहे पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण होगा। उससे पहले डेहरा मोड़ पर भगवान परशुराम और महाराजा सूरजमल की मूर्तियों की पट्टियों का भूमि पूजन होगा। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अखिलेश कुमार पिप्पल ने बुधवार को डेहरा मोड़ पुलिस चौकी के पास सार्वजनिक भूमि पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाए जाने का आदेश भी जारी कर दिया। डेहरा मोड़ के साथ ही कुम्हेर रोड बाईपास चौराहे पर भी महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विधायक जोगिंदर अवाना की प्रेस वार्ता के बाद बैलारा क्षेत्र में कुछ लोगों ने असंतोष जाहिर किया। इसके बाद लोगों ने बैलारा चौराहे पर सड़क मार्ग पर ईंधन डालकर आग लगा दी। मौके पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे, आगजनी की घटना की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस जाप्ता मौके पर भेजा गया। पुलिस ने सड़क मार्ग से आग को बुझा कर रास्ता खुलवाया। इस दौरान लोग भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर दिया।
लोगों को पथराव करता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे मौके पर माहौल गर्मा गया। सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। गौरतलब है कि बीते कई दिनों से क्षेत्रवासी महाराजा सूरजमल की मूर्ति को लगाए जाने को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। क्षेत्रवासियों की मांग थी कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति डेहरा मोड़ चौराहे पर स्थापित की जाए।