नाटो रूस के परमाणु बलों की कर रहा ‘नजदीकी निगरानी’
ब्रसेल्स| नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन रूस के परमाणु बलों की ‘नजदीकी निगरानी’ कर रहा है और सहयोगी दलों के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के खिलाफ किसी भी हमले का ‘एकजुट और दृढ़ प्रतिक्रिया के साथ सामना किया जाएगा’। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई। द गार्जियन के मुताबिक, स्टोलटेनबर्ग ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “यूक्रेन में संघर्ष के लिए नाटो सैन्य गठबंधन ‘पक्ष नहीं है’ लेकिन हमारा समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।” उन्होंने कहा कि सहयोगी यूक्रेन की संप्रभुता और आत्मरक्षा के समर्थन में एकजुट रहे।स्टोलटेनबर्ग ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन में गति है और वह लगातार महत्वपूर्ण लाभ अर्जित कर रहा है।द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, रूस यूक्रेनी नागरिकों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर भयानक और अंधाधुंध हमले कर रहा है।उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘यूक्रेन में विफल’ हैं और उनके प्रयास, आंशिक लामबंदी व लापरवाह बयानबाजी परमाणु युद्ध शुरू होने का संकेत है।” लटेनबर्ग ने कहा, रूस जानता है कि परमाणु युद्ध नहीं जीता जा सकता और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए। हम रूस के परमाणु बलों पर करीब से नजर रख रहे हैं। मगर हमने रूस के रुख में कोई बदलाव नहीं देखा है।द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जी-7 के नेताओं ने यूक्रेन में रूस के हालिया मिसाइल हमलों की ‘सबसे मजबूत संभव शर्तो’ में निंदा की है, और कीव के साथ मजबूती से खड़े होने की कसम खाई है।उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा, “निर्दोष नागरिक आबादी पर अंधाधुंध हमले युद्ध अपराध है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे यूक्रेनी क्षेत्र पर रूस के अवैध कब्जे या ‘दिखावा जनमत संग्रह’ को कभी भी मान्यता नहीं देंगे, जिसका उपयोग रूस इसे सही ठहराने के लिए करता है।