1 करोड़ से अधिक 15-18 आयुवर्ग के बच्चों को लगी वैक्सीन की दोनों डोज
दिल्ली। देशभर में कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) की रफ्तार तेजी से कम होने लगी है. संक्रमण के मामलों में भी अब रोजाना गिरावट दर्ज की जा रही है. हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना संक्रमण पर फतेह वैक्सीनेशन से ही हासिल हो सकी है. अगर लोग बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाने के लिए आगे ना आते तो देश में कुछ और स्थिति हो सकती थी. भारत में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) अभियान पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है और हर दिन लाखों की संख्या में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. देशभर में कोरोना वैक्सीन की अब तक 170 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा अब 170.87 करोड़ (1,70,87,06,705) से ज्यादा हो गया है. मंत्रालय ने बताया कि 15-18 आयु वर्ग के कम से कम एक करोड़ लोगों को वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों डोज लग चुकी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘युवा भारत का ऐतिहासिक कदम. 15-18 आयुवर्ग के एक करोड़ से अधिक किशोरों का फुल वैक्सीनेशन किया जा चुका है.’ मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक 5.04 करोड़ से अधिक किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. बता दें कि भारत में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का वैक्सीनेशन तीन जनवरी से शुरू हुआ था. वहीं, इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक शीर्ष अधिकारी ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant), कोरोना का आखिरी वेरिएंट नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के अभी और नए वेरिएंट सामने आ सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ के आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर मंगलवार को आयोजित सवाल-जवाब के एक सत्र के दौरान संगठन के कोविड-19 तकनीकी दल की मारिया वान केरखोव ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ओमिक्रॉन के चार अलग-अलग वेरिएंट पर नजर बनाए हुए है. मारिया ने कहा, ‘हम इस वायरस के बारे में अब काफी कुछ जानते हैं. हालांकि, हम सब कुछ नहीं जानते. मैं बिल्कुल साफ तौर पर कहूं तो वायरस के ये वेरिएंट ‘वाइल्ड कार्ड’ हैं. ऐसे में हम इस वायरस पर लगातार बारीकी से नजर बनाए हुए हैं, कि किस तरह इसमें बदलाव होते हैं और किस तरह ये रूप बदलता है. हालांकि, इस वायरस में बदलाव की अत्याधिक संभावनाएं हैं.’