जुमे की नमाज पर दंगा नियंत्रण स्कीम और धारा 144 लागू

कानपुर. जुमे की नमाज को देखते हुए पूरे जिले में दंगा नियंत्रण स्कीम लागू कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस व मजिस्ट्रेट मुस्तैद रहेंगे। पुलिस अफसरों व मजिस्ट्रेट को पांच जोन और 11 सेक्टर में बांटा गया है। 29 स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुस्तैद किए गए हैं। शुक्रवार सुबह से ही एडीएम के साथ डीसीपी, एसीपी के साथ एसीएम सेक्टर में तैनात रहेंगे। अन्य अफसरों को स्टैटिक मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया है। लगातार अफसरों की टीम रूट मार्च करेगी। किसी भी तरह के बवाल की आशंका पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। एडीएम फाइनेंस ने ग्रामीण और पुलिस कमिश्नर की ओर से शहरी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। देर रात तक बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक अफसर मुस्तैद रहे। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि सभी मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगा दी गई है।

एटीएस ने गुरुवार को शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में गली-गली घूम-घूम कर जानकारियां जुटाईं। बवाल वाले स्थान पर लोगों से पूछताछ की। बंदी के आह्वान के लिए हुई बैठकों में जुटे लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई है। पीएफआई के लिए फंड मैनेज करने वाले संदिग्ध के कनेक्शन की आशंका में एक टीम बरेली भी गई है।

एटीएस ने बेकनगंज, चमनगंज, पेंचबाग, चमड़इयां, दादा मियां चौराहा आदि क्षेत्रों में घूम-घूम कर क्षेत्रीय लोगों से कई बिंदुओं पर जानकारियां जुटाईं। यह भी टोह ली कि बवाल में स्थानीय अपराधियों की भूमिका कितनी रही। अपराधियों के संपर्क में कौन था। अपराधियों के शामिल होने की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। इस मामले में कराई गई एफआईआर में डीटू व अन्य गैंग के अपराधियों के नाम हैं।

शुक्लागंज व उन्नाव में धरपकड़ के बाद एटीएस अन्य जिलों से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। इस कड़ी में बरेली के एक संदिग्ध का ठिकाना पता चला है। एटीएस को पता चला है कि पीएफआई को फंडिंग के तार बरेली से जुड़े हैं। बरेली में रहने वाला संदिग्ध ही फंड मैनेजमेंट करता है। उसके हाथ लगने के बाद इस खेल का और खुलासा होगा। टीम ने इस व्यक्ति के बारे में यहां से भी कई जानकारियां जुटाई हैं।

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