महिलाओं के बाल पतले होने का क्या है कारण, एक्सपर्ट से जानें इसका ट्रीटमेंट?

हम महिलाओं के लिए हमारे सुंदर, लंबे और घने बाल हमारा ताज होते हैं। हर महिला चाहती है कि उसे बाल हमेशा स्वस्थ और अच्छे रहें, लेकिन बदलती जीवनशैली के कारण बालों के झड़ने और पतले होने की समस्या बड़ी गंभीर है। हमाके खानपान के साथ-साथ ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जिससे बाल पतले हो सकते हैं।

बाल पतले होने के बाद टूटने लगते हैं, लेकिन आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि दिन भर में 100 हेयर स्ट्रैंड्स का टूटना आम बात है। जब वह बाल टूटते हैं, तब नए बालों की ग्रोथ होती है। हां अगर इससे ज्यादा आपके बाल टूट रहे हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

बालों की ठीक से केयर न करना, हार्मोन का असंतुलन और डाइट में न्यूट्रिएंट्स की कमी के कारण भी बाल पतले होते हैं। बोर्ड सर्टिफाइड डर्मेटालॉजिस्ट डॉ. जयश्री शरद बताती हैं, ’30 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिलाएं अक्सर यह शिकायत लेकर आती हैं कि उनके बाल पतले हो रहे हैं। उन्हें स्कैल्प पर पैचेज नजर आने लगे हैं। स्कैल्प पर दिखने वाली ये खाली जगह और पैचेज हेयर थिनिंग या पैटर्न एलोपेसिया हो सकता है।’

वह आगे कहती हैं, ‘हेयर थिनिंग को ट्रीट करने का इलाज तभी किया जा सकता है, जब आपको इसके असल कारण मालूम हो। यह खून की कमी, न्यूट्रिशनल डाइट की कमी, पीसीओएस, स्ट्रेस आदि और भी कई कारणों के कारण हो सकता है।’ महिलाओं में बाल पतले होने का अन्य क्या कारण है और इसे कैसे ट्रीट किया जा सकता है, आइए एक्सपर्ट से ही जानें।

बाल पतले होने का क्या कारण है? what are the causes of hair thinning

बालों का पतला होना जीवनशैली की आदतों, अनुवांशिक या दोनों के कारण हो सकता है। डॉ. जयश्री ने इसके अन्य कारण भी बताए हैं-

what are the causes of hair thinningwhat are the causes of hair thinning1. बालों का पतला होना जेनेटिक हो सकता है

उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके बाल कितना झड़ेंगे यह निर्धारित करने में आनुवंशिकी एक बड़ी भूमिका निभाती है। हालांकि, अन्य कारक – जैसे तनाव का स्तर, पोषण और दवाएं भी इसका कारण बनती हैं। आनुवंशिक बालों के झड़ने को रिवर्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन आप कुछ ऐसे स्टेप्स फॉलो कर सकती हैं, जो इस प्रोसेस को धीमा कर दे।

2. हेयर स्टाइलिंग टूल्स के कारण पतले होते हैं बाल

हेयर स्टाइलिंग टूल्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल दूसरा कारण है जिसकी वजह से भी बाल पतले होते हैं और टूटते हैं। आयरन, स्ट्रेटनर और ब्लो ड्रायर की हाई हीट से हेयर फाइबर डैमेज होते हैं, जिससे बाल पतले होते हैं। इसके अलावा बालों को टाइट पोनीटेल में बार-बार बांधने के कारण भी बाल टूटते और गिरते हैं। चूंकि हेयरलाइन रूट्स पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है, तो बाल कमजोर होते हैं और टूटते हैं।

3. हार्मोन असंतुलन के कारण पतले होते हैं बाल

डॉ. जयश्री बताती हैं कि बालों का पतला होना और टूटना हार्मोनल इंबैलेंस के कारण भी होता है। पीसीओएस, थायरॉयड और पेरिमेनोपॉज जैसी कंडीशन के दौरान भी बाल बहुत टूटते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के नुकसान के जवाब में शरीर पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान अधिक एंड्रोजन का उत्पादन करता है। एंड्रोजन हेयर फॉलिकल को श्रिंक करते हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं।

4. आयरन की कमी से पतले होते हैं बाल

हीमोग्लोबिन की कमी के कारण भी बाल पतले होकर टूटते हैं। आयरन हीमोग्लोबिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, एक आवश्यक मैटेलोप्रोटीन जिसका उपयोग आपका शरीर रक्त में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए करता है। जब आपके शरीर में आयरन की कमी होती है, तो ऑक्सीजन को महत्वपूर्ण कोशिकाओं तक पहुंचाना कठिन हो जाता है। इससे आपके नाखूनों और बालों के विकास को उत्तेजित करने वाले सेल्स तक भी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिसके कारण आपके बाल पतले होते हैं और झड़ने लग सकते हैं।

5. स्ट्रेस के कारण पतले होते हैं बाल

तनाव के कारण भी आपके बाल पतले होते हैं और झड़ने लगते हैं। तनाव आपके हेयर फॉलिकल को रेस्टिंग फेज में डालता है और इससे नए बालों का निर्माण भी रुक जाता है। समय के साथ, बाल धोते हुए, छूने से या कंघी करते हुए बहुत ज्यादा टूटने लगते हैं। टेलोजन एफ्लुवियम (Telogen Effluvium- बालों के झड़ने की गंभीर समस्या के लिए मेडिकल टर्म) भी खराब पोषण और हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण हो सकता है।

6. गंभीर बीमारी और दवाइयों के कारण पतले होते हैं बाल

कई गंभीर बीमारी और दवाइयां लेने के कारण भी बाल पतले हो सकते हैं और टूटने लगते हैं। दवाएं विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए तैयार की जाती हैं, लेकिन कभी-कभी उनके अवांछित दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कुछ दवाएं बालों के अतिरिक्त विकास, बालों के रंग या बनावट में बदलाव या बालों के झड़ने में योगदान कर सकती हैं। गंभीर बीमारियां और दवाएं बालों के विकास के सामान्य चक्र में हस्तक्षेप करके बालों के झड़ने का कारण बनती हैं। एनाजेन फेज के दौरान, जो दो से सात साल तक रहता है, बाल बढ़ते हैं। टेलोजेन फेज के दौरान, जो लगभग तीन महीने तक रहता है, बाल आराम करते हैं। टेलोजेन फेज के अंत में, बाल झड़ते हैं और उनकी जगह नए बाल आ जाते हैं। इस तरह दवाइयां बालों को पतला करने और झड़ने का कारण बनती हैं।

क्या है हेयर थिनिंग का इलाज

बालों के पतले होने के कारण तो आपने जान लिए, अब डॉ. जयश्री से बालों के झड़ने का इलाज भी जानें। वह कहती हैं,’सबसे पहले जरूरी है कि आप इसका असल कारण जानें। आपके बाल क्यों पतले हो रहे हैं और टूट रहे हैं, जब यह कारण पता होगा तो आप इसका इलाज भी कर सकेंगे। त्वचा विशेषज्ञ या ट्राइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। वे आपको मिनोक्सिडिल या पेप्टाइड्स, कैपिक्सिल, अमीनो एसिड और ट्रेटिनॉइन आदि देंगे, जो हेयर फॉलिकल को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा आपको कुछ ओरल दवाइयां दी जाएंगी, जो आपके हार्मोन को संतुलित करने में मदद करेंगी।’ इसके अलावा हेयर थिनिंग का ट्रीटमेंट भी वह आपको बताने जा रही हैं (पतले बालों के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड्स)-

    • ब्लड टेस्ट करवाएं
    • हार्मोनल लेवल को चेक करवाएं।
    • हीमोग्लोबिन, विटामिन D3, B12 की कमी और न्यूट्रिशन डेफिशियेंसी के बारे में पता करें।
    • अपनी डाइट में प्रोटीन की अच्छी मात्रा लें। इसके साथ ही विटामिन-ए, बी, सी, डी, ई, मैग्नीशियम, सेलेनियम, आयरन, कॉपर, जिंक और अमीनो एसिड जैसे तत्वों से भरपूर आहार लें।
    • तनाव को मैनेज करने की कोशिश करें।
    • हीट स्टाइलिंग टूल्स का बहुत ज्यादा प्रयोग करने से बचें।
    • अपने बालों को बहुत टाइट बिल्कुल न बांधें।
    • पीआरपी, मेसो हेयर थेरेपी और अन्य उपचार के लिए जाएं।

हेयर थिनिंग के लिए डॉक्टर से संपर्क करें

आपको बता दें कि दिन भर में 100 बालों का झड़ना एक आम बात है, लेकिन अगर आप यह नोटिस कर रही हैं कि रोजाना आपके बाल ज्यादा झड़ रहे हैं तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। हेयरलाइन पैचेज और बालों का एक्सेसिव झड़ना भी गंभीर समस्या हो सकता है। हेयर लॉस के पैच एक अंतर्निहित मेडिकल कंडीशन की तरफ भी इशारा करता है, इसलिए इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

आपके बाल कितने पतले हो रहे हैं और झड़ रहे हैं क्या आप नोटिस करती हैं? अगर आप भी इन साइन्स को देख रही हैं, तो डॉक्टर से जरूर बात करें और उसके बाद ही किसी तरह का मेडिकेशन शुरू करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button