ओडिशा में “भ्रूण लिंग” जांच गिरोह का भंडाफोड़, 13 गिरफ्तार
ओडिशा की बरहामपुर पुलिस ने एक “भ्रूण लिंग” जांच गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने छापेमारी करते हुए मुख्य आरोपी और एक आशा कार्यकर्ता सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। बरहामपुर पुलिस अधीक्षक सरवण विवेक एम ने बताया कि पुलिस ने अंतरराज्यीय अल्ट्रासाउंड रैकेट चलाने के आरोप में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गर्भवती महिला के भ्रूण में पल रहे बच्चों के बारे में पता करते थे कि वह लड़का है या लड़की। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भ्रूण में लड़की पाई जाने के बाद यहां गर्भपात की भी व्यवस्था थी। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की पहचान करके आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान अल्ट्रासाउंड जांच मशीन, कनेक्टर, एक LOGIQ-e मेक अल्ट्रासाउंड मशीन, एक लैमिनेटेड LOGIQ बुक, XP अल्ट्रासाउंड मशीन इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड के लिए यूज होने वाला अल्ट्रासाउंड ट्रांसमिशन जेल व 18 हजार 2 सौ रुपए नगद और एक मोबाइल जब्त किया है।
रंगेहाथ पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने बताया कि उन्हें “भ्रूण लिंग” परीक्षण के बारे में सुचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान आरोपी “भ्रूण लिंग” परीक्षण करते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया है। वहीं घर की पहली मंजिल पर 11 गर्भवती महिलाएं भी मौजूद थी। इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि एक आशा कार्यकर्ता है जिसका नाम रीना प्रधान है उसे भी गिरफ्तार किया गया है, वो अपने गांव से दो गर्भवती महिलाओं को परीक्षण के लिए लाई थी। इसके लिए उसे कमीशन मिलता था।
पुलिस ने बताया कि उन्हें “भ्रूण लिंग” परीक्षण के बारे में सुचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान आरोपी “भ्रूण लिंग” परीक्षण करते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया है। वहीं घर की पहली मंजिल पर 11 गर्भवती महिलाएं भी मौजूद थी। इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि एक आशा कार्यकर्ता है जिसका नाम रीना प्रधान है उसे भी गिरफ्तार किया गया है, वो अपने गांव से दो गर्भवती महिलाओं को परीक्षण के लिए लाई थी। इसके लिए उसे कमीशन मिलता था।
कमीशन के लिए भेजते थे परीक्षण कराने
एसपी सरवण विवेक एम ने बताया कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच चल रही है। इसके साथ ही हम यह भी पता चला है कि कई लैब और निजी क्लीनिकों में कार्यरत अन्य लोग भी “भ्रूण लिंग” परीक्षण के लिए भेजते थे, जिसके लिए उन्हें कमीशन दिया जाता था।
एसपी सरवण विवेक एम ने बताया कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच चल रही है। इसके साथ ही हम यह भी पता चला है कि कई लैब और निजी क्लीनिकों में कार्यरत अन्य लोग भी “भ्रूण लिंग” परीक्षण के लिए भेजते थे, जिसके लिए उन्हें कमीशन दिया जाता था।