तीन माह तक दिल के मरीजों को हमीदिया अस्पताल में नहीं मिलेगा उपचार, प्रदेशभर से आते हैं मरीज
कैथलैब की सुविधा वाले हमीदिया अस्पताल में हर दिन 25 से 30 मरीजों के दिल से जुड़े प्रोसीजर होते हैं। कैथलैब बंद होने से मरीजों को निजी अस्पतालों में ही निर्भर होना होगा, जहां उन्हें इलाज करवाने के लिए मोटी रकम देनी होगी। ऐसे में गरीब मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
HIGHLIGHTS
- हमीदिया अस्पताल में कैथलैब को शिफ्ट किया जाना है।
- संबधित कंपनी ने शिफ्टिंग के लिए मांगा तीन माह का वक्त।
- नए भवन के ब्लॉक ‘ए’ में तीसरी मंजिल पर शिफ्ट होगी कैथलैब।
भोपाल। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में अगले तीन माह तक दिल के मरीजों का उपचार नहीं किया जाएगा, जिससे पूरे प्रदेशभर के मरीज प्रभावित होंगे। दरअसल, हमीदिया में 15 नवंबर से कैथलैब की शिफ्टिंग का काम शुरू होगा। और इसके लिए कंपनी ने तीन माह का समय मांगा है।
सर्दी में बढ़ जाती है समस्या
वहीं गर्मी की अपेक्षा सर्दी के दिनों यानी दिसंबर से फरवरी तक हृदयघात के मामले तीन से चार गुना तक बढ़ जाते हैं। इस दौरान कैथलैब की सुविधा वाले हमीदिया अस्पताल में हर दिन 25 से 30 मरीजों के दिल से जुड़े प्रोसीजर होते हैं। कैथलैब बंद होने से मरीजों को निजी अस्पतालों में ही निर्भर होना होगा, जहां उन्हें इलाज करवाने के लिए मोटी रकम देनी होगी। ऐसे में गरीब मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बजट भी स्वीकृत
बता दें कि जनवरी में पुराने भवन में संचालित कैथलैब की शिफ्टिंग को पहला प्रस्ताव नए भवन ए की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट करने का बनाया गया था। इसके बाद पांच माह में पांच अलग-अलग योजना बनाई गई। अंत में पहले प्रस्ताव को ही मंजूरी मिली। इसके लिए संबंधित एजेंसी ने 120 से 150 दिन का समय मांगा है। इस काम के लिए 50 लाख रुपए का बजट भी स्वीकृत हाे चुका है।
15 नवंबर तक पूरा होगा सिविल वर्क
पीआईयू के सब इंजीनियर केसी शर्मा के अनुसार सिविल वर्क 15 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद एजेंसी शिफ्टिंग शुरू कर सकती है। अभी कैथलैब के लिए नए भवन की तीसरी मंजिल पर सिविल का काम चल रहा है, जो बीते चार दिन से बंद है। यहां पीआईयू के पास एसी डक्टिंग डिजाइन चल रही है। जब यह डिजाइन बनेगी, तब फाल्स सीलिंग को हटाया जाएगा। इसके बाद ही यहां कैथलैब शिफ्ट हो पाएगी।
कैथलैब में होनी वाली प्रक्रियाएं
-एंजियोग्राफी
-एंजियोप्लास्टी
-पेसमेकर
-डिवाइस क्लोजर।
-बैलून डायलेटेशन।
इनका कहना है
अस्पताल का विस्तार किया जा रहा है, जिसके चलते सिविल वर्क चल रहा है जो अंतिम चरण में है। कैथलैब की शिफ्टिंग करने वाली एजेंसी को जल्द कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मरीजों के उपचार को ध्यान में रखते हुए समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।