मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया संपदा 2.0 का शुभारंभ, अब घर बैठे करा सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी दस्तावेज पर लोन की जानकारी देखी जा सकेगी डिजिटली

संपत्ति के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा से फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी। संपदा 2.0 सॉफ़्टवेयर के माध्यम से जीआईएस मैपिंग, आधार नंबर दर्ज करने, और डिजिटल दस्तावेजों की उपलब्धता होगी। यह कदम ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देगा।

HighLights

  1. कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में किया शुभारंभ।
  2. आधार नंबर दर्ज करते ही संपत्ति के असली मालिक का पता चल जाएगा।
  3. देश में पहली बार पूर्णतः पेपरलेस और फेसलेस रजिस्ट्री कराने की सुविधा।

भोपाल। प्रदेश के सभी जिलों में संपत्ति के ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा प्रारंभ हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से पंजीयन विभाग की नवीन तकनीक पर विकसित सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 का शुभारंभ किया। इस नई व्यवस्था के अमल में आने से संपत्ति को लेकर किसी तरह के फर्जीवाड़े का संदेह भी नहीं रह जाएगा। इसके लिए प्रत्येक संपत्ति की जीआईएस मैपिंग की गई है। आधार नंबर दर्ज करते ही पता चल जाएगा कि संपत्ति का असली मालिक कौन है।

लोगों के जीवन को आसान बनाने का संकल्प

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को सहज और सुगम बनाने की दिशा में आज मध्यप्रदेश ने ‘संपदा 2.0’ पोर्टल का शुभारंभ कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह पोर्टल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘ईज ऑफ लिविंग’ की लक्ष्य सिद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब संपत्ति पंजीयन की प्रकिया के डिजिटलीकरण से कहीं से भी प्रदेश के किसी भी जिले में प्रॉपर्टी का ई-पंजीयन कराया जा सकेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह सुविधा प्रदेशवासियों के जीवन को आसान बनाने की हमारी सरकार की संकल्प पूर्ति में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

नामांतरण प्रक्रिया भी होगी आसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जो व्यवस्था शुरू हुई है, उसमें नामांतरण के साथ बटांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। इसके लिए अलग आवेदन नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कितने भी पढ़े लिखे हों, लेकिन यहां आने पर अंगूठा ही लगाना पड़ता है। अब तकनीकी के दौर में सभी चीजों को डेवलप करना जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि कभी वर्षों में संपन्न होने वाली नामांतरण की प्रक्रिया आज 1-2 सप्ताह में ही पूर्ण हो जाती हैं।

चार जिलों में सफल रहा पायलट प्रोजेक्ट

उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि पिछले चार माह से गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम में इसका प्रयोग सफल रहने के बाद सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। संपत्ति पंजीयन की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही प्रदेश में रजिस्ट्री के नए नियम लागू किए जाएंगे। देश में पहली बार पूर्णतः पेपरलेस और फेसलेस पंजीकरण की सुविधा लोगों को दी जा रही है।

आसान होगी प्रक्रिया

संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर द्वारा संपत्तियों का अंतरण, लोन इत्यादि दस्तावेजों का पंजीयन पूर्ण रूप से डिजिटली ही किया जाएगा। अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। साथ ही संपत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से की जाएगी। पंजीयकों की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जाएगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टांपिंग की सुविधा भी होगी।

ई-गवर्नेंस में सुविधाजनक

दस्तावेजों की ई-कापी डिजी लॉकर, वाट्सएप, और ईमेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टांप सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है। संपदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लांच किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आमजन के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि प्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में भी आगे बढ़ाएगा।

संपदा 2.0 में यह है खास

संपत्ति में बायोमैट्रिक पहचान लागू हो सकेगी।
संपत्ति की जीआइएस मैपिंग होने से सीमा निर्धारण विवाद व अन्य गड़बड़ी नहीं होगी।
ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार हो सकेंगे, जिससे गवाह की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी।
पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया जाएगा।
व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रविधान भी रखा गया है।
कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी।

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