Navratri 2024 Damoh : तीन दुर्लभ योग में हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत, बनेंगे सारे बिगड़े काम
मध्य प्रदेश के दमोह में दुर्गापूजा की धूम मची है। आश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग दोपहर तीन बजकर 22 मिनट तक फिर चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा। वैदिक पंचांग अनुसार शारदीय नवरात्र की शुरुआत तीन अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी और चार अक्टूबर को देर रात दो बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी।
HIGHLIGHTS
- मां भगवती की पूजा शास्त्रीय विधि-विधान से करें।
- श्रीरामरक्षास्तोत्र, हनुमान शिव चालीसा का पाठ करें।
- हस्त के बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
दमोह ( Navratri 2024 Damoh )। वैदिक पंचांग अनुसार शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो रही है, यह पर्व जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के निमित्त व्रत रखा जाता है, मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है, साथ ही घर में सुख एवं समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना पर तीन दुर्लभ एवं शुभ योग का निर्माण हो रहा है, इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
हस्त के बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा
शारदीय नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना के दिन दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है, इसके साथ ही आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग दोपहर तीन बजकर 22 मिनट तक है। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा। वैदिक पंचांग अनुसार शारदीय नवरात्र की शुरुआत तीन अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी और चार अक्टूबर को देर रात दो बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी।
सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती
सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है इसके लिए तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना मुहूर्त सुबह छह बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह सात बजकर 22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन योग समय में घटस्थापना कर मां भवानी की पूजा कर सकते हैं।
मां की पूजा शास्त्रीय विधि-विधान से करें
पं. चंद्र गोपाल पौराणिक ने बताया कि शरद काल में नवरात्रों में इन नौ दिनों तक मां की पूजा बहुत ही भक्तिभाव एवं शांति से करें। टोने-टोटके, सोशल मीडिया पर चलने वाले मंत्रो का जाप ना करें, अंधविश्वास को बढ़ावा ना दे। अपने क्षेत्र के विद्वान ब्राम्हणो द्वारा दुर्गा सप्तशति का पाठ कराए, देवी भागवत और श्री रामचरित मानस का भी पाठ करा सकते है। श्री दुर्गा सप्तशति का पाठ किसी विद्वान के मार्गदर्शन में आप स्वयं भी कर सकते है पूर्व पवित्रता के साथ भाषाटिका हिन्दी अनुवाद वाली दुर्गा सप्तशति भी पढ़ सकते है।
श्री रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान शिव चालीसा का पाठ करें
शिव शनि हनुमान मंदिर पुजारी पं बालकृष्ण शास्त्री ने बताया कि घटस्थापना के मौके पर श्री रामरक्षा स्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का भी पाठ-पठन किया जा सकता है। अपने गुरु मंत्र, इष्टमन्त्र का भी पूर्ण निष्ठा में जाप कर सकते है साथ ही जगदम्बा के पूजन में लाल चंदन, बिल्व पत्र, फल, भिभसैनी कपूर, शुद्ध मिठाई का भोग रखें।
अपनी कुल परंपरा अनुसार ही देवी का पूजन करें
नौ दिनों तक सदाचार का पालन करें, अपनी कुल परंपरा अनुसार ही देवी का पूजन करें। नौ दिन देशी गायों की सेवा करें हरा चारा खिलाएं। मां को लाल कमल के फूल, गुलाब के फूल, कनेर के फूल, बिल्वपत्र अर्पण करे। मंदिरो में साफ-सफाई करें एवं स्वच्छता का ध्यान रखें।
इन मंदिरों में रहेगी भीड़
शहर के बड़ी देवी मंदिर में जहां सबसे अधिक भीड़ रहती है वहीं इसके अलावा मीनाक्षी मंदिर, कंकाली मंदिर, छोटी देवी मंदिर, एसपीएम नगर स्थित देवी मंदिर, प्रोफेसर कालोनी देवी मंदिर आदि मंदिर में भी भक्तों की भीड़ रहेगी।