बेटे ने मां के नाम से ले रखा था डेढ़ करोड़ रुपये का लोन, सिबिल स्कोर चेक करने पहुंचीं तो हुआ खुलासा… कोर्ट के आदेश पर दर्ज होगा केस
रतलाम शहर में बेटे द्वारा मां के फर्जी साइन कर लोन लेने का मामला सामने आया है। मां जब खुद लेने के लिए बैंक में सिबिल स्कोर चेक कराने के लिए पहुंची, तो उन्हें पता चला कि डेढ़ करोड़ रुपये का लोन उनके नाम से लिया गया है। यह सुनकर वह चौंक गई। जब उन्होंने आगे जांच की तो पता चला कि बड़े बेटे ने ही यह कारनामा किया है।
HIGHLIGHTS
- महिला ने पहले बेटे के खिलाफ पुलिस से की थी शिकायत।
- पुलिस ने उसकी शिकायत पर बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं की।
- इसके बाद बुजुर्ग महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
रतलाम, Ratlam News। रतलाम शहर के एक खाद-बीज व्यापारी द्वारा अपनी मां के नाम फर्जी तरीके से निजी बैंक से डेढ़ करोड़ रुपये का लोन लेकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पुलिस में शिकायत करने के बाद भी जब आरोपित बेटे के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया तो मां ने न्यायालय में परिवाद पेश कर कार्रवाई करने की मांग की।
न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपित पुत्र के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश के बाद स्टेशन रोड पुलिस ने आरोपित बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने 76 वर्षीय विद्यादेवी अग्रवाल निवासी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय में आरोपित बेटे 55 वर्षीय राजेंद्र अग्रवाल निवासी धानमंडी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परिवाद पेश किया था। परिवाद में विद्यादेवी ने बताया था कि वह अपने छोटे बेटे नरेंद्र अग्रवाल व उसके परिवार के साथ रहती हैं।
मकान के लिए लोन लेने बैंक गई थी
कुछ समय पहले मकान निर्माण के लिए लोन लेने व बैंक ऑफ बड़ौदा की अलकापुरी शाखा गई थी। तब बैंक से उनकी सिबिल स्कोर जानकारी लेने पर बताया गया कि उनके नाम डेढ़ करोड़ रुपये का लोन चोला मंडलम बैंक में चल रहा है। जबकि उनके द्वारा उक्त लोन नहीं लिया गया है।
इसके बाद वे चोला मंडलम बैंक (चोला मंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फायनेंस कंपनी लिमिटेड ) की महू रोड स्थित शाखा पहुंची तथा ब्रांच मैनेजर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 में विद्यादेवी के बड़े बेटे राजेंद्र अग्रवाल ने उक्त बैंक से डेढ़ करोड़ रुपये का लोन लिया है।
जिसमें विद्यादेवी के नाम को एप्लीकेट के तौर पर जोड़ा गया है तथा विद्यादेवी के हस्ताक्षर भी है। साथ ही बैंक से यह भी बताया गया कि उक्त लोन सीए एजेंट रजनीश जैन द्वारा कराया गया है। इसके बाद उन्होंने रजनीश जैन से लोन के दस्तावेज प्राप्त किए, तब उन्हें पता चला कि बेटे राजेंद्र अग्रवाल ने उनके नकली हस्ताक्षर लोन दस्तावेजों पर करवाकर परिवादी को एप्लीकेट दर्शाकर लोन लिया है।
थाना प्रभारी व एसपी को की थी शिकायत
विद्यादेवी ने लोन दस्तावेज पर किए गए उनके हस्ताक्षर की जांच हस्ताक्षर विशेषज्ञ योगिता सिंह से कराई। हस्ताक्षर विशेषज्ञ ने यह निष्कर्ष दिया है कि चोला मंडलम बैंक के लोन एग्रीमेंट पर किए गए हस्ताक्षर विद्यादेवी के स्वीकृत एवं सैंपल हस्ताक्षर से मेल नहीं होना पाए गए थे। इसके बाद विद्यादेवी ने 21 दिसंबर 2023 को माणकचौक थाना प्रभारी के नाम लिखित शिकायत की थी।
शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने दो जनवरी 2024, 14 व 21 मार्च 2024 को भी बेटे के खिलाफ एसपी को भी लिखित शिकायत की थी। इसके बाद भी पुलिस ने राजेंद्र के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया। इसे बाद महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने राजेंद्र अग्रवाल के खिलाफ धारा 417, 420, 465, 467, 468, 471 आदि के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।