सेशंस कोर्ट से राणा दंपती को नहीं मिली राहत, 29 अप्रैल के बाद होगी जमानत पर सुनवाई
नवनीत राणा और रवि राणा को फिलहाल सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है. राणा दपंती की जमानत याचिका पर अब कोर्ट में 29 अप्रैल के बाद सुनवाई होगी. आपको बता दें कि 29 तक महाराष्ट्र सरकार को जवाब दाखिल करना है. इसका मतलब यह है कि अभी राणा दंपती को जेल में ही रहना होगा. इधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुंबई में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी को लेकर विवरण मांगा है. लोकसभा अध्यक्ष ने 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र सरकार इस संबंध में जवाब देने को का है.
आपको बता दें कि नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है. महिला सांसद ने पुलिस हिरासत में ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ का भी आरोप लगाया. खबरों की मानें तो घटना का ब्योरा गृह मंत्रालय (एमएचए) के माध्यम से अध्यक्ष के द्वारा मांगा गया है.
सांसद नवनीत राणा ने कहा- गिरफ्तारी ‘अवैध’
महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखकर कहा है कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है. उन्होंने पुलिस हिरासत में ‘‘अमानवीय व्यवहार” का भी आरोप लगाया है. अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा ने रविवार को भेजे गए पत्र में मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है और दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर उनके और उनके पति के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
‘हनुमान चालीसा’ से शुरू हुआ विवाद
आपको बता दें कि नवनीत राणा और उनके विधायक-पति रवि राणा को शनिवार को मुंबई में मुख्यमंत्री ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने संबंधी आह्वान करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. दंपति ने इससे पूर्व एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए इस आह्वान को वापस ले लिया था. राणा दंपति फिलहाल जेल में है. लोकसभा सचिवालय ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा द्वारा राज्य पुलिस पर लगाए गए आरोपों के बाद सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के भीतर विस्तृत जानकारी मांगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र
सांसद के एक सहयोगी ने अमरावती में कहा कि सचिवालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेज दिया है. राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना पर निशाना साधते हुए, सांसद ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अपने हिंदुत्व के सिद्धांत से पीछे हट गई है ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सहयोगियों की विचारधारा को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खिलाफ 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद इन्हीं पार्टियों के साथ गठबंधन किया और यह कदम मुख्यमंत्री पद पाने की उसकी इच्छा से प्रेरित था.
हिरासत में पीने का पानी नहीं मिला
सांसद नवनीत राणा ने पत्र में कहा है कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी और उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है और उन्होंने उनके खिलाफ (आईपीसी की धारा 124 ए) के तहत राजद्रोह का आरोप लगाने का उल्लेख किया. सांसद ने बिना किसी कारण के ‘लॉक-अप’ में रखे जाने और पुलिस हिरासत में पीने का पानी नहीं मिलने की बात कही. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जाति के आधार पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. नवनीत राणा ने पत्र में अपनी गिरफ्तारी को लेकर मुंबई के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.