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Child Care: चलना सीख रहा है बच्चा और हो रही हैं ये परेशानियां, तो डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

HIGHLIGHTS

  1. बच्चों में 3 या 4 साल की उम्र तक रहती है टेढ़े पैर की समस्या।
  2. इसी कारण बच्चों के पैरों से आ सकती है कट-कट की आवाज।
  3. डॉक्टरों के अनुसार, पोषण की कमी के कारण ऐसा होता है।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Cracking Sound: जब घर में किसी बच्चे का जन्म होता है, तो परिवार का हर व्यक्ति बच्चे की देखभाल और शिक्षा में शामिल हो जाता है। जिन लोगों को बच्चे के पालन-पोषण का अनुभव है, वे नए माता-पिता को मदद करते हैं। खासकर घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों के देखभाल में बहुत सहायता करते हैं। छोटे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है, इसलिए उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए उचित पोषण, टीकाकरण और अच्छे माहौल का ध्यान रखना चाहिए।

बच्चों के पैरों से कट-कट की आवाज आना

जब बच्चा चलना सीखता है, तो माता-पिता की खुशी अलग होती है। लेकिन कभी-कभी जब बच्चा चलता है, तो उसके पैरों से कट-कट की आवाज आने लगती है और पैरों का आकार भी सही नहीं दिखता। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स टेंशन में आ जाते हैं। इस संबंध में कुछ जरूरी बातें किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नवजात शिशु विशेषज्ञ डॉ. पवन मंडाविया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में बताई हैं, जिसे Onlymyhealth ने शेयर किया।

यह है कारण

डॉक्टर ने बताया कि बच्चों में 3 या 4 साल की उम्र तक टेढ़े पैर की समस्या रह सकती है। यही कारण है कि 3 साल से कम उम्र के बच्चों के पैरों से कट-कट की आवाज आ सकती है। कई बार पेरेंट्स को लगता है कि उनके बच्चों के पैर टेढ़े-मेढ़े हैं। यह चिंता का कारण नहीं है, बच्चों में टेढ़े पैर और कट-कट की आवाज की समस्या 3-4 साल की उम्र तक बनी रहती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और अपना सारा वजन अपने पैरों पर डालना शुरू कर देता है, जिसके कारण धीरे-धीरे बच्चे के पैर सीधे होने लगते हैं और इस तरह की समस्या खत्म हो जाती है।

डॉक्टर की सलाह जरूर लें

जब तक बच्चा चलना नहीं सीखता, तब तक उसके पैर अंदर की ओर मुड़े रहते हैं और फिर जब वह चलना शुरू करता है, तो ज्यादातर अपने पैर के अंगूठे पर झुककर चलता है, ताकि शरीर का पूरा वजन पैरों पर न पड़े। जब बच्चा सही ढंग से चलने लगता है, तो टेढ़े पैरों से चलने की समस्या खत्म हो जाती है। कई मामलों में बच्चे में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण भी यह समस्या बनी रहती है। लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए और उचित इलाज कराना चाहिए।

इस तरह करें बचाव

इस तरह की समस्या से बचने के लिए बच्चों के आहार में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और अंडे शामिल करें। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें। बच्चे के पैरों में दर्द हो तो आप उनकी मालिश कर सकती हैं। बच्चे के पैरों से लगातार आवाज सुनाई दे और दर्द, सूजन या अन्य समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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