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Temple Vastu Tips: घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए शनिदेव की मूर्ति, जानिए क्या है कारण

HIGHLIGHTS

  1. मां काली की मूर्ति और तस्वीर रखना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
  2. मां काली की पूजा के नियम भी बहुत कठिन हैं।
  3. घर के मंदिर में शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति रखना वर्जित होता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Temple Vastu Tips: हर घर के मंदिर में अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी होती हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि घर के मंदिर में कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। इन मूर्तियों के रखे होने से नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं कि घर के मंदिर में किन देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीरें नहीं रखना चाहिए।

शनिदेव की मूर्ति

हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिदेव की पूजा की जाती है, लेकिन घर के मंदिर में उनकी तस्वीर या मूर्ति रखना वर्जित होता है। उन्हें एक उग्र देव माना जाता है। इसलिए शनिदेव की पूजा घर की बजाय किसी मंदिर में जाकर करना शुभ मना होता है।

मां काली की मूर्ति

शनिदेव की तरह ही घर के मंदिर में मां काली की मूर्ति और तस्वीर रखना भी अच्छा नहीं माना जाता है। इन्हें भी उग्र देवताओं में शामिल किया जाता है। इनकी पूजा घर में नहीं करनी चाहिए। मां काली की पूजा के नियम भी बहुत कठिन हैं और घर पर ऐसा करना उचित नहीं माना जाता है।

 

नटराज की मूर्ति

 

कई लोगों के घर में नटराज की मूर्ति रखी होती है, लेकिन नटराज असल में भगवान शिव का रौद्र रूप माने जाते हैं। ऐसे में घर के मंदिर में नटराज की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में कलह बनी रहती है।

भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति

 

देवी-देवताओं की मूर्तियां भी विभिन्न मुद्राओं में पाई जाती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि घर में हमेशा भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की बैठी हुई मूर्ति ही लानी चाहिए। मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां खड़ी या किसी अन्य स्थिति में रखना शुभ नहीं माना जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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