Bhadli Navami 2024: भड़ली नवमी के साथ अंतिम शुभ मुहूर्त भी समाप्त, जानें अब कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्य"/>

Bhadli Navami 2024: भड़ली नवमी के साथ अंतिम शुभ मुहूर्त भी समाप्त, जानें अब कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

अक्षय तृतीया के अलावा भड़ली नवमी एक ऐसी तिथि है, जिस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस दिन विवाह, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य भी किए जाते हैं। 17 जुलाई से देवशयनी एकदशी शुरू होने जा रही है, ऐसे में अब मांगलिक कार्य नहींं होंगे।

HIGHLIGHTS

  1. शाम 7.19 बजे हुआ भड़ली नवमी का समापन
  2. 17 जुलाई से शुरू होगी देवशयनी एकादशी
  3. योगनिद्रा में चले जाएंगे जगत के पालनहार

Bhadli Navami 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। सोमवार को भड़ली नवमी का समापन हो गया। अब मांगलिक कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। बता दें कि सनातन धर्म में वैसे तो प्रत्येक शुभ कार्य मुहूर्त देखकर किए जाते हैं, लेकिन हिंदू पंचांग में कई ऐसी तिथियां भी होती है जब बगैर मुहूर्त देखे भी इन कार्यों को किया जा सकता है। ऐसी ही एक तिथि भड़ली नवमी है, जिसके समापन के बाद अब मांगलिक कार्य के लिए शुरू मुहूर्त नहीं हैं।

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी मनाई जाती है, इसके एक दिन बाद यानी देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है और जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। ऐसे में इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते।

भड़ली नवमी पर कर सकते हैं ये शुभ कार्य

हिंदू मान्यता के अनुसार भड़ली नवमी के अवसर पर मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। खास बात यह है कि इन सभी के लिए इस दिन मुहूर्त देखने की भी कोई जरूरत नहीं होती।

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भड़ली नवमी का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को शाम 5:26 से शुरू हुई थी है, इस तिथि का समापन 15 जुलाई को शाम 7 बजकर 19 मिनट पर हुआ था।

17 जुलाई को देवशयनी एकादशी

17 जुलाई से देवशयनी एकादशी की शुरुआत होगी, इसके बाद अगले चार माह तक कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चातुर्मास खत्म होने के बाद देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाएगी।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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