Vat Savitri Vrat 2024: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? नोट करें सही तिथि और पूजन विधि
वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।
HIGHLIGHTS
- इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।
- भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन ही बनाएं।
- वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vat Savitri Vrat 2024: सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है वट सावित्री व्रत। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून 2024, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है।
यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। आइए, जानें वट सावित्री व्रत की पूजन विधि और मंत्र।
वट सावित्री व्रत पूजन विधि
- इस दिन महिलाएं सुबह उठकर पवित्र स्नान करती हैं।
- पारंपरिक और सुंदर कपड़े पहनती हैं।
- फिर अपना सोलह श्रृंगार करती हैं।
- भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन ही बनाएं।
- कच्चा सूत, जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम, फूल और सभी पूजन सामग्री लेकर बरगद के पेड़ के पास जाएं।
- बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उसके सामने देसी घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ एक-एक करके सभी पूजन सामग्री अर्पित करें।
- फिर पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और सफेद कच्चा धागा उसके चारों ओर बांध दें।
- वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें।
- अंत में आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
- भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।
- परिवार के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लें।
वट वृक्ष पूजन मंत्र
-
- अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते। पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।
-
- यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले। तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’