Mahabharat: सतयुग से पहले भी था एक और युग, भगवान हनुमान ने महाभारत में भीम से किया था वर्णन"/>

Mahabharat: सतयुग से पहले भी था एक और युग, भगवान हनुमान ने महाभारत में भीम से किया था वर्णन

सनातन धर्म में महाभारत का विशेष महत्व है। इसमें भारत के इतिहास के साथ ही कई महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र मिलता है। महाभारत में सनातन धर्म को लेकर भी कई बातें कही गई है। इसके साथ ही इसमें पांच युगों का वर्णन मिलता है। महाभारत के 151वें अध्याय में इन सभी युगों में मानवीय कर्मों की जानकारी दी गई है।

HIGHLIGHTS

  1. युग के अनुसार थे लोगों के अलग-अलग कर्म
  2. हर युग में धर्म के एक चरण का हुआ ह्रास
  3. वेदों का भी युग के अनुसार हुआ विभाजन

Mahabharat धर्म डेस्‍क, इंदौर। वैसे तो सनातन धर्म में चार युग माने गए हैं। ये युग हैं सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग। लेकिन महाभारत में पांच युगों का वर्णन मिलता है। इन युगों के बारे में भगवान हनुमान ने महाबली भीम को बताया था। इसमें उन्होंने सतयुग से पूर्व के भी एक युग का वर्णन किया है। इसके बारे में आपको यहां बताते हैं।

कृतयुग

महाभारत के अनुसार सतयुग से भी पहले कृतयुग था। इस युग में लोग अपने कर्तव्य पूरे करते थे, इसलिए इस युग का नाम कृतयुग पड़ा। कृतयुग में धर्म का ह्रास नहीं होता था और देवता, दानव, गन्धर्व, यक्ष, राक्षस और नाग भी नहीं थे। साथ ही क्रय-विक्रय भी नहीं किया जाता था। किसी में घमंड नहीं था और स्वार्थ के त्याग को ही धर्म माना जाता था।

अन्‍य युगों का ऐसा है वर्णन

सतयुग

महाभारत के अनुसार, सतयुग में किसी को कोई बीमारी नहीं होती थी और न ही दुख भोगना पड़ता था। लड़ाई-झगड़ा और राग द्वेष जैसी भी कोई स्थिति नहीं थी।

 

naidunia_image

त्रेतायुग

त्रेता युग में लोग सत्य में तत्पर थे और धर्म का पालन करते थे। त्रेतायुग में ही यज्ञ की शुरुआत हुई थी और लोग अपनी भावना और संकल्प के अनुसार कर्म और दान करते थे।

द्वापरयुग

महाभारत के अनुसार, द्वापर युग में वेद चार भागों में बंट गए (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद)। इस समय कुछ लोगों को चार वेदों तो कुछ को तीन और दो वेदों का ज्ञान था। इस युग में सत्‍य की राह पर न चलने के कारण लोगों को रोग घेर लेते थे।

कलियुग

महाभारत में कलयुग को तमोगुणी युग बताया गया है। इसमें क्रोध, आलस्य और मानसिक रोगों में वृद्धि होने की बात कही गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button