Angarak Yoga बर्बाद कर देता है जिंदगी, गुस्से पर नहीं रहता है काबू, इन राशि वालों को पहुंचाता है फायदा"/> Angarak Yoga बर्बाद कर देता है जिंदगी, गुस्से पर नहीं रहता है काबू, इन राशि वालों को पहुंचाता है फायदा"/>

Angarak Yoga बर्बाद कर देता है जिंदगी, गुस्से पर नहीं रहता है काबू, इन राशि वालों को पहुंचाता है फायदा

Angarak Yog के कारण व्यक्ति के व्यवहार में जलन, क्रोध, विवाद, झगड़े, अवसाद, मानसिक और शारीरिक पीड़ा जैसी समस्याएं बढ़ जाती है।

HIGHLIGHTS

  1. राहु और मंगल की युति होने पर मंगल के नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाते हैं।
  2. राहु भ्रम की स्थिति पैदा कर देता है और इस कारण व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है।
  3. इस योग के दौरान व्यक्ति असंतुष्ट रहता है और उसका क्रोध काफी ज्यादा बढ़ जाता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ और अशुभ योग के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसमें अंगारक योग का काफी ज्यादा अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, Angarak Yog काफी ज्यादा बुरा प्रभाव डालता है और इसके कारण व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है। गुस्से के कारण जीवन में काफी कुछ बदल जाता है।

कुंडली में कब बनता है अंगारक योग

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, Angarak Yog के कारण व्यक्ति के व्यवहार में जलन, क्रोध, विवाद, झगड़े, अवसाद, मानसिक और शारीरिक पीड़ा जैसी समस्याएं बढ़ जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, राहु और मंगल की युति से कुंडली में अंगारक योग निर्मित होता है। ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और जोश का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं राहु के कारण भ्रम, भौतिक सुखों, विष और गंदे स्थानों पर निवास जैसा कारक प्रभावित होता है।

naidunia_image

बहुत क्रोधित हो जाता है व्यक्ति

राहु और मंगल की युति होने पर मंगल के नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाते हैं। वहीं राहु भ्रम की स्थिति पैदा कर देता है और इस कारण व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इस योग के दौरान व्यक्ति असंतुष्ट रहता है और उसका क्रोध काफी ज्यादा बढ़ जाता है। अंगारक योग मानसिक तनाव भी देता है और इस कारण पारिवारिक तनाव बढ़ जाता है।

ऐसे कम करें अंगारक योग के प्रभाव

राहु और मंगल की युति जीवन में काफी चुनौती लेकर आती है। ऐसे में कुछ ज्योतिष उपायों के जरिए अंगारक योग के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। ज्योतिषी से सलाह लेकर मंत्र जाप या अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण कर सकते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, अंगारक योग यदि मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मकर या मीन राशि में निर्मित होता है तो इसका प्रभाव कम होता है, वही वृषभ, मिथुन, कर्क, तुला या कुंभ राशि में अंगारक योग जातक की मुश्किलें बढ़ा देता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button