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Rang Panchami 2024: रंग पंचमी 30 मार्च को, जानें क्यों मनाया जाता है यह पर्व, ये है पौराणिक महत्व

HIGHLIGHTS

  1. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रंग पंचमी 30 मार्च 2024 को मनाई जाएगी।
  2. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 मार्च 2024 को रात 08.20 बजे शुरू होगी।
  3. पंचमी तिथि की समाप्ति 30 मार्च 2024 को रात 09.13 बजे होगी।

धर्म डेस्क, इंदौर। 25 मार्च को देशभर में धुलेंडी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया। रंगों के त्योहार होली की धूम देशभर में देखने को मिली। हालांकि कुछ स्थानों पर होली के 5 दिन बाद आने वाला रंगपंचमी का त्योहार ज्यादा उत्साह के साथ मनाया जाता है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में तो रंगपंचमी पर विशेष तौर पर गेर का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।

रंग पंचमी मनाने का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रंग पंचमी 30 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 मार्च 2024 को रात 08.20 बजे शुरू होगी और पंचमी तिथि की समाप्ति 30 मार्च 2024 को रात 09.13 बजे होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रंगपंचमी 30 मार्च को ही मनाना उचित होगा। इस दिन देवताओं के साथ होली खेलने का शुभ मुहूर्त सुबह 07.46 बजे से सुबह 09.19 बजे के बीच होगा।

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रंग पंचमी का धार्मिक महत्व

 

हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, रंग पंचमी मुख्य रूप से पंच तत्व पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल एवं आकाश को सक्रिय करने के लिए मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि रंगपंचमी पर यदि पवित्र मन से देवी-देवताओं की आराधना की जाती है तो वे आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। इस दिन देवताओं के साथ अबीर-गुलाल लगाकर होली खेलना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष खत्म हो जाता है। देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। घर में धन की कमी नहीं होती है। व्यक्ति के तमोगुण और रजोगुण का नाश होता है। सतोगुण के विकास से जीवन में शांति रहती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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