Urinary Bladder Cancer: जानें क्यों होता है यूरिनरी ब्लैडर कैंसर, इस गंभीर बीमारी के कारण गई सुशील मोदी की जान
यदि इस बीमारी के शुरुआती संकेतों की पहचान कर ली जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, लेकिन अधिकांश मामलों में कैंसर एडवांस स्टेज में पता चलता है।
HIGHLIGHTS
- Urinary Bladder Cancer मूत्र मार्ग के ऊपर और किडनी के नीचे होता है।
- शरीर में यूरिन किडनी से यूरिनरी ब्लैडर में ही आता है।
- ब्लैडर में कैंसर तब होता है, जब ब्लैडर में मौजूद सेल्स तेज से बढ़ने लगते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी का Urinary Bladder Cancer के कारण निधन हो गया है। सुशील कुमार मोदी ने 3 अप्रैल को खुद ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी थी कि वे Urinary Bladder Cancer से पीड़ित हैं। उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था। यहां जानें क्या होता है यूरिनरी ब्लेडर कैंसर और क्यों होती है ये बीमारी।
क्या होता है यूरिनरी ब्लैडर कैंसर
भावनगर स्थित एचसीजी अस्पताल की रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. विविधा दुबे के मुताबिक, Urinary Bladder Cancer मूत्र मार्ग के ऊपर और किडनी के नीचे होता है। चूंकि हमारे शरीर में यूरिन किडनी से यूरिनरी ब्लैडर में ही आता है। ब्लैडर में कैंसर तब होता है, जब ब्लैडर में मौजूद सेल्स तेज से बढ़ने लगते हैं। आमतौर पर Urinary Bladder Cancer 50 साल की उम्र के बाद होता है। यदि इस बीमारी के शुरुआती संकेतों की पहचान कर ली जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, लेकिन अधिकांश मामलों में कैंसर एडवांस स्टेज में पता चलता है।
इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज
अधिकांश मामलों में Urinary Bladder Cancer के लक्षण शुरुआत में पता नहीं चलते हैं। कैंसर के लक्षणों को पेशाब की सामान्य समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब बीमारी का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो जाती है और मरीज आखिरी स्टेज में पहुंच जाता है। ऐसे में व्यक्ति को कुछ सामान्य दिखने वाले लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे बार-बार-बार पेशाब आना, पेशाब से खून आना या सही तरीके से पेशाब न आना। यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।