Hindu Population In India: धर्म आधारित आबादी पर रिपोर्ट का क्या करेगी सरकार, यहां समझिए कैसे घटे हिंदू और कैसे बढ़े मुस्लिम
HIGHLIGHTS
- दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी
- हिंदू, ईसाई और अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक हिस्सेदारी में कमी आई
- दुनिया के 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए आबादी के बदलाव का अध्ययन किया गया
एजेंसी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भारत समेत अन्य देशों में धर्म आधारित पर आबादी पर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1950 से 2015 के बीच कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 7.82 प्रतिशत घट गई। वहीं इस दौरान मुसलमानों की हिस्सेदारी में 43.15 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई। आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी घटने का सिलसिला पड़ोसी हिंदू बहुल देश नेपाल में भी देखने को मिला है।
किसने तैयार की रिपोर्ट और आगे क्या होगा
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. विवेक देबरॉय हैं। संजीव सान्याल, डा. शमिका रवि पूर्णकालिक सदस्य हैं, जबकि राकेश मोहन और डॉ. साजिद जेड चिनॉय अल्पकालिक सदस्य हैं। रिपोर्ट डॉ. शमिका की अगुवाई में अब्राहम जोश और अपूर्व कुमार मिश्रा ने तैयार की है। इसका उद्देश्य आबादी का आर्थिक नीतियों पर असर परखना है।
जनसांख्यिकी का यह बदलाव ऐसे समझिए
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- 1951 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84.10 प्रतिशत थी।
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- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के अनुसार उनकी आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई है।
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- इस तरह 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 77.52 प्रतिशत रह गई।
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- इसी तरह 1951 में कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 9.80 प्रतिशत थी। इसमें 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
- इस लिहाज से 2015 में कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी बढ़कर 14.02 प्रतिशत हो गई।