Aaj Ka Panchang 30 April 2024: आज वैशाख माह की षष्ठी तिथि, जानें कैसा रहेगा आज का पंचांग
HIGHLIGHTS
- आज 30 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है।
- आज मंगलवार का दिन है।
- षष्ठी तिथि मंगलवार सुबह 7.05 बजे खत्म होगी।
धर्म डेस्क, इंदौर। आज 30 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की उदया तिथि षष्ठी और मंगलवार का दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि मंगलवार सुबह 7.05 बजे खत्म होगी। पंडित हर्षित मोहन शर्मा के अनुसार, 30 अप्रैल को रात 10.23 मिनट तक साध्य योग रहेगा। मंगलवार को पूरा दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। आज सूर्योदय सुबह 05:49 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 6.58 बजे होगा। आज चंद्रदेव धनु राशि में रहेंगे।
आज का पंचांग
- हिन्दू मास एवं वर्ष
- शक संवत 1946 क्रोधी
- कलि संवत 5126
- दिन काल 01:15 PM
- विक्रम संवत 2081
- मास अमांत चैत्र
- मास पूर्णिमांत वैशाख
- तिथि षष्ठी 07:07 AM
- नक्षत्र उत्तराषाढ़ा +04:10 AM
करण
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- वणिज 07:07 AM
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- विष्टि 07:07 AM
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- पक्ष कृष्ण
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- योग साघ्य 10:23 PM
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- वार मंगलवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
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- सूर्योदय 05:49 AM
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- चन्द्रोदय +01:14 AM
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- चन्द्र राशि धनु
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- सूर्यास्त 06:58 PM
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- चन्द्रास्त 10:34 AM
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- ऋतु ग्रीष्म
शुभ और अशुभ समय
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- शुभ समय
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- अभिजीत 11:56 – 12:45
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- अशुभ समय
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- दुष्टमुहूर्त 08:29 AM – 09:12 AM
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- कंटक 06:34 AM – 07:26 AM
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- यमघण्ट 10:15 AM – 10:58 AM
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- राहु काल 03:37 PM – 05:16 PM
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- कुलिक 01:47 PM – 02:30 PM
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- कालवेला या अर्द्धयाम 08:19 AM – 09:12 AM
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- यमगण्ड 08:59 AM – 10:39 AM
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- गुलिक काल 12:28 PM – 01:57 PM
दिशा शूल
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- दिशा शूल उत्तर
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- चन्द्रबल और ताराबल
ताराबल
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- भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
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- मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुंभ, मीन
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’