झाबुआ जिले में बेमौसम बारिश से मुश्किल में किसान, सब्जियों और खुले में रखे अन्न को नुकसान"/>

झाबुआ जिले में बेमौसम बारिश से मुश्किल में किसान, सब्जियों और खुले में रखे अन्न को नुकसान

HIGHLIGHTS

  1. गरज चमक के साथ वर्षा हुई तो कई जगह बिजली बंद हो गई।
  2. बेमौसम वर्षा ने सब्जी की खेती करने वाले किसानों को झटका दिया है।
  3. अंचल में अभी बारिश की संभावना है।

पेटलावद। बार-बार बदल रहे मौसमी मिजाज से आमजन परेशान हैं। शहर सहित क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से मौसम खराब बना हुआ है। जब सुबह 6 बजे लोग नींद से जागे और घर से बाहर निकले तो आसमान में काले बादलों ने अपना डेरा जमा रखा था। चंद मिनटों में बिजली की कड़कड़ाहट के साथ तेज वर्षा शुरु हो गई। जो रूक रूककर करीब 20 मिनट तक चलती रही। इसके बाद दिनभर कभी धूप तो कभी बादल छाए रहे।

पेटलावद शहर के साथ पूरे क्षेत्र में बारिश के समाचार है। इस वर्षा ने सभी को आफत में डाल दिया। गरज चमक के साथ वर्षा हुई तो कई जगह बिजली बंद हो गई। वर्षा होने से लोगों को गर्मी, उमस से राहत मिली। वर्षा ने मौसम में ठंडक घोल दी है। वहीं इस बारिश ने किसानों को भी आहत करने का काम किया है।

 
 

गौरतलब है कि बीते कुछ सालों के बीच में अन्नदाता का प्रकृति कदम-कदम पर कड़ा इम्तिहान ले रही है। बैंक का कर्ज, बच्चों की पढ़ाई, बेटी की शादी का सपना सबकुछ खेती पर निर्भर है, पर एक वर्ष के दौरान प्राकृति ने उन्हें हर मोर्चे पर निराश करने का काम किया। पहले सूखा फिर अगस्त के महीने में सैलाब, अक्टूबर में अतिवृष्टि की मार से किसान संभल भी नहीं सके थे, कि शुक्रवार को सुबह से तेज गरज चमक के साथ संपूर्ण अंचल में हुई।

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सब्जी बोने वाले किसानों को भी झटका

 

बेमौसम वर्षा ने सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी जोर का झटका दिया है। करेला, भिंडी, कद्दू आदि खेत में नुकसान होने की संभावना बहुत अधिक है। किसानों की मानें तो अगर बारिश और हुई तो सब्जी की पूरी खेती शायद ही बच सके।

पिछले साल भी यही स्थिति

 

मौसम हर साल इसी तरह किसानों को नुकसान पहुंचाता रहा है। पिछले साल भी मौसम की मार किसानों को झेलनी पड़ी थी। इस साल भी वैसी ही स्थिति नजर रही है। हालांकि सुबह से चली ठंडी हवा ने लोगों को एक बार फिर गर्मी से कुछ हद तक राहत तो मिली।

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साईं मंदिर के पीछे फिर लगी ट्रांसफार्मर में आग

 

वर्षा शुरू होते ही बिजली की आंख-मिचोली का खेल भी शुरू हो गया। शहर सहित ग्रामीण इलाकों में वर्षा के दौरान बिजली गुल हो गई। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। काफी देर बाद बिजली आई। वहीं पेटलावद नगर में साईं मंदिर के पीछे लगे ट्रांसफार्मर में फिर से शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई। गनीमत यह रही कि जब आग लगी तो आसपास कोई मौजूद नहीं था, अगर यही आग दोपहर के समय लगती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

 

बिजली विभाग बारिश से पूर्व मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग दिन बिजली बंद करकर बिजली के तारों को सही करता है। लेकिन हर बार जरा सी बारिश में इस सालभर चलने वाले मेंटेनेंस की पोल खुल जाती है और यही शुक्रवार की बारिश में भी देखने को मिला।

संकट के बादल अभी टले नहीं

 

अंचल में अभी बारिश की संभावना है। ऐसे में हवाएं भी सामान्य से तेज गति से चलेंगी। ऐसे में किसानों को पहले से ही सुरक्षा के उपाय अपनाना होंगे। किसान जितनी जल्दी हो सके अपनी तैयारियां कर लेनी चाहिए।

ईट भट्ठे वालों की भी टूटी कमर

 

इस बेमौसम वर्षा ने क्षेत्र के ईंट भट्ठा संचालकों की कमर तोड़ दी है। इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व हुई। बारिश में ईंट भट्ठा मालिकों को काफी घाटा उठाना पड़ा था। ज्यादातर भट्ठों पर पकने के लिए तैयार ईंटें पानी में गलकर खराब हो गईं। कई स्थानों पर तो वर्षा ने छोटे स्तर पर ईंट भट्ठे लगाने वालों को कहीं का नहीं छोड़ा है।

मेघनगर में बेमौसम बारिश से किसानों को हुआ नुकसान

 

झाबुआ जिले के मेघनगर नगर व आसपास के क्षेत्र में अलसुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। सुबह होते होते गरज के साथ हल्की वर्षा भी हुई। हालांकि इस वर्ष असमय होने वाली बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। फिर भी बार-बार इस तरह से मौसम में परिवर्तन होता रहा तो किसानों द्वारा सावधानी भी बरती गई।

किसान खेतों खलिहानों में रखा अपना माल सुरक्षित करते रहे तो नुकसान से बच गए। अधिकांश माल बेच दिया व शेष माल घर में रख दिया। वैसे भी बेमौसम वर्षा से इस वर्ष फसल को काफी नुकसान हुआ। अब किसान पके हुए माल का नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकते। किसान भिमा भूरजी ग्राम नेगड़िया ने बताया कि इस वर्ष असमय वर्षा व बार बार मौसम में परिवर्तन होता रहा। किसानों को खेत में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

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