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Chaitra Navratri 2024 Day 9: मां सिद्धिदात्री को समर्पित है नवरात्र का नौवां दिन, जानिए इनका स्वरूप और पूजा विधि

  1. मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार सिद्धियां प्रदान करती हैं।
  2. पूजा के बाद हवन करें और कन्या पूजन करें।
  3. कन्या पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Day 9: चैत्र नवरात्र का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा का विधान है। इसके साथ ही व्रत भी रखा जाता है। नवरात्र के आखिरी दिन हवन करके कन्या पूजन किया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल को शुरू हुए और 17 अप्रैल को समाप्त होंगे। चैत्र नवरात्र के नौवें दिन को महानवमी-दुर्गा नवमी कहा जाता है। महानवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार सिद्धियां प्रदान करती हैं।

मां सिद्धिदात्री पूजा विधि

  • स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
  • मां की मूर्ति को स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें।
  • सिन्दूर, अक्षत, फूल, माला, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं।
  • मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाएं और कमल का फूल चढ़ाएं।
  • ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद मां सिद्धिदात्री की आरती करें।
  • पूजा के बाद हवन करें और कन्या पूजन करें।
  • कन्या पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।

मां सिद्धिदात्री स्वरूप

माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। मां सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की प्रिय लक्ष्मी की तरह कमल पर विराजमान हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। मां सिद्धिदात्री के हाथों में कमल, शंख, गदा, सुदर्शन चक्र भी है। सिद्धिदात्री देवी सरस्वती का भी एक रूप हैं। भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की कृपा से ही सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं।

मां दुर्गा के इस रूप की पूजा ऋषियों, यक्षों, देवताओं, राक्षसों, साधकों, किन्नरों और गृहस्थ आश्रमों में रहने वाले भक्तों द्वारा की जाती है।

डिसक्लेमर

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