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Ekadashi In July 2024: जुलाई में पड़ रही तीन एकादशी, यहां जानें तिथि, समय और पूजा विधि

HIGHLIGHTS

  1. जुलाई में हैं योगिनी, देवशयनी और कामिका एकादशी
  2. एकादशी पर वस्त्रों व फलों का दान माना गया है शुभ
  3. एकादशी व्रत से मिलता है भगवान विष्णु का आशीर्वाद

Ekadashi in July 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशी आती है। यहां आपको जुलाई माह में आने वाली एकादशी की तारीख और पारण समय बताते हैं।

योगिनी एकादशी 2024

जुलाई माह की पहली एकादशी सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू हुई थी, जो कि आज सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर खत्म हो गई है। व्रत का पारण 3 जुलाई को सुबह 5 बजकर 12 मिनट से सुबह7 बजकर 10 मिनट तक किया जाएगा।

देवशयनी एकादशी 2024

जुलाई माह की दूसरी एकादशी 16 जून को है। इसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी 16 जुलाई को रात 08:33 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 17 जुलाई को रात 9:02 बजे खत्म होगी। पारण 18 जुलाई को सुबह 05:17 बजे से सुबह 07:56 बजे तक किया जाएगा।

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कामिका एकादशी 2024

30 जुलाई को कामिका एकादशी है। यह इस माह की यह तीसरी एकादशी है। तिथि शाम 04:44 बजे शुरू होगी और 31 जुलाई को शाम 3:55 बजे खत्म होगी। पारण 1 अगस्त को किया जाएगा।

एकादशी पर ऐसे करें पूजन

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि और नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में साफ-सफाई कर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को देसी घी का दीपक लगाएं और उन्हें पंचामृत चढ़ाएं।
  • एकादशी तिथि पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना गया है।

ये शुभ कार्य करें

  • एकादशी पर हवन अनुष्ठान करना चाहिए।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना गया है।
  • जरूरतमंदों को कपड़े दान करना चाहिए।
  • मंदिर जाकर भगवान विष्णु के दर्शन करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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