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9 अप्रैल को अमृत सिद्धि योग में होगा चैत्र नवरात्र का आरंभ, नौ दिन में पड़ेंगे पांच रवि योग

धर्म डेस्क, इंदौर। पंचांग की गणना के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर 9 अप्रैल को अमृतसिद्धि योग में चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। नवरात्र के नौ दिन में पांच बार रवि योग, तीन बार सर्वार्थ सिद्धि योग तथा एक बार अमृत सिद्धि योग का संयोग रहेगा। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार अमृत सिद्धि योग में चैत्र नवरात्र का आरंभ होने से भक्तों को देवी साधना का पांच गुना शुभफल प्राप्त होगा। साथ ही विशिष्ट योगों में की गई साधना मनोवांछित फल प्रदान करेगी।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को रेवती नक्षत्र उपरांत अश्विनी नक्षत्र, वैधृति योग, किस्तुघ्न करण तथा मीन उपरांत मेष राशि के चंद्रमा की साक्षी में चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र होने से अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रीय गणना के अनुसार देखें तो अमृत सिद्धि योग में नवरात्र का आरंभ शुभ फल देने वाला बताया गया है। अर्थात इस दौरान की गई उपासना साधना मनवांछित फल प्रदान करती है।
 

एक वर्ष में चार नवरात्र, चैत्र नवरात्र बड़े

पौराणिक मान्यता के अनुसार वर्षभर में चार नवरात्र होते हैं। जिसमें से दो प्रकट व दो गुप्त नवरात्र बताए गए हैं। चैत्र एवं आश्विन मास के नवरात्र प्रकट माने जाते हैं। वहीं माघ तथा आषाढ़ के नवरात्र गुप्त नवरात्र कहे गए हैं। चैत्र नवरात्र को बड़े नवरात्र माना जाता है। क्योंकि चैत्र नवरात्र अर्थात चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सृष्टि का आरंभ दिन माना गया है। इस दिन को ज्योतिष दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब-कब कौन से योग

-9- अप्रैल अमृत सिद्धि योग रवि योग

-10 अप्रैल- सर्वार्थ सिद्धि योग मध्य रात्रि में रवि योग के साथ

-11- अप्रैल को रवि योग

-13- अप्रैल को रवि योग

-15- अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग मध्य रात्रि में

-16 अप्रैल सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग

पंचमी पर गुरु आदित्य योग

पंचांग की गणना के अनुसार 13 अप्रैल को शनिवार के दिन रात्रि में सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश होते ही पहले से उपस्थित बृहस्पति के साथ सूर्य का गुरु से युति संबंध होगा। इसे गुरु आदित्य योग के नाम से भी जाना जाता है। यह योग धर्म अध्यात्म संस्कृति के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाएगा।

17 अप्रैल को श्रीराम जन्मोत्सव

चैत्र नवरात्र की महानवमी पर प्रभुश्री राम के जन्मोत्सव की मान्यता है। इस दिन शहर के श्रीराम मंदिरों में मध्याह्न 12 बजे श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शंख, घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के साथ जन्म आरती होगी। पश्चात भक्तों को पंजेरी का प्रसाद वितरण होगा।

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