Amit Shah Visit Raipur: रायपुर में अमित शाह ने बनाई तीन वर्षों में नक्सलवाद को खत्म करने की रणनीति, खुफिया एजेंसियों को मिली ये बड़ी जिम्मेदारी
अगले तीन वर्षों के भीतर हर हाल में नक्सलवाद को खत्म करना है। रायपुर में नक्सल समस्या की समीक्षा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को इसका स्पष्ट निर्देश दिया। राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी हुई बैठक में नक्सलियों को खत्म करने के रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया।
रायपुर। अगले तीन वर्षों के भीतर हर हाल में नक्सलवाद को खत्म करना है। रायपुर में नक्सल समस्या की समीक्षा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को इसका स्पष्ट निर्देश दिया। राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी हुई बैठक में नक्सलियों को खत्म करने के रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया। शाह ने साफ किया कि नक्सली अब एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं और इनसे देश को पूरी तरह से निजात दिलाने का समय आ गया है।
शाह ने नक्सलियों के विरुद्ध आपरेशन में सुरक्षा बलों को खुली छुट देते हुए खुफिया एजेंसियों को उनके वित्तीय तंत्र को पूरी तरह ध्वस्त करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के नेटवर्क को मजबूत करना होगा। इस काम के लिए राज्य और केंद्र की ओर हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। शाह ने कहा कि नक्सलियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए उनके आर्थिक स्रोतों की पूरी तरह से नाकेबंदी जरूरी है। नक्सलियों की आर्थिक गतिविधियों में मददगार एक-एक व्यक्ति और संस्था की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
नक्सलियों का वित्तीय तंत्र ध्वस्त करने के साथ ही शाह ने उनके विरुद्ध सुरक्षा बलों के आपरेशन को और तेज करने की सलाह दी। बैठक में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर, राजनंदगांव, कांकेर जैसे जिलों के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। उन्हें नक्सलियों के विरुद्ध आपरेशन को तेज करने के लिए जरूरी हर मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया। अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में नक्सली गतिविधियों की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी और उनके विरुद्ध आपरेशन से जुड़ी चुनौतियों को साझा किया।
जन कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से पहुंचाने के निर्देश
शाह ने नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से पहुंचाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि समय पर विकास योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंचने के कारण नक्सली उन्हें फिर से प्रभावित करने में सफल होते हैं। इसे रोकने के लिए विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं को द्रुत गति से लोगों तक पहुंचाना ही होगा। शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश के सभी जरूरतमंदों को बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, मकान जैसी सुविधाएं दे रही है और इनसे नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को भी वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने इन इलाकों में सड़क योजनाओं को तेजी से पूरा करने का भी निर्देश दिया ताकि आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने से आम लोगों के जीवन में खुशहाली लाई जा सके। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव भी मौजूद थे। विजय शर्मा के पास गृह विभाग की भी जिम्मेदारी है। इसके अलावा केंद्र और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में 75 प्रतिशत आई कमी
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि तीन आंतरिक सुरक्षा स्थितियों- जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद-में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और इनमें हिंसा में लगभग 75% की कमी आई है। इनके प्रभाव वाले भौगोलिक क्षेत्र में भी लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) अब उत्तरपूर्व के लगभग 80% क्षेत्रों से हटा लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है।