Ram Mandir: मंथरा ने आखिर क्यों भिजवाया था श्री राम को वनवास, यह था असल कारण"/>

Ram Mandir: मंथरा ने आखिर क्यों भिजवाया था श्री राम को वनवास, यह था असल कारण

वाल्मीकि रामायण में हर पात्र अपने आप में अद्भुत है। इनके बारे में विस्तार से वाल्मीकि रामायण में लिखा हुआ है। अन्य देशों में पढ़ी-सुनी जा रही रामायण में पात्रों के बारे में विशेष जानकारी मिलती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। वाल्मीकि रामायण में हर पात्र अपने आप में अद्भुत है। इनके बारे में विस्तार से वाल्मीकि रामायण में लिखा हुआ है। अन्य देशों में पढ़ी-सुनी जा रही रामायण में पात्रों के बारे में विशेष जानकारी मिलती है। मंथरा भी ऐसा ही एक पात्र है, जिसके बारे में लोग बहुत उत्सुकता से जानना चाहते हैं। मंथरा की ही वजह से भगवान राम को वनवास जाना पड़ा था।

 

मंथरा अगर कैकयी को भगवान राम के खिलाफ न भड़काती तो शायद दशरथ से वह कभी भी राम को वनवास भिजवाने की मांग नहीं करतीं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने विस्तार से बताया कि क्यों मंथरा ही आखिर श्री राम के वनवास का कारण क्यों बनीं।

 

मंथरा की वजह से ही क्यों भोगना पड़ा श्री राम को वनवास

बाहरी देशों की रामायण में यह बताया गया है कि कैकयी को मंथरा ने बचपन में पाला था। वह उनकी दायी मां थीं। इसी कारण कैकयी का मंथरा से विशेष लगाव था। उनका जब अयोध्या के राजा दशरथ से विवाह हुआ, तो मंथरा भी उनके साथ अयोध्या आ गईं।

 

राजा दशरथ को जब चार पुत्र हुए, तो मंथरा भरत पर विशेष प्यार लुटाती थी, क्यों कि वह कैकयी के पुत्र थे। राम जो कि सभी भाईयों में सबसे बड़े थे, उनसे वह ईर्ष्या करती थी। अपनी ईर्ष्या के कारण उसने कैकयी को भड़काकर भगवान राम को वनवास भिजवा दिया। उसने यह चाल भरत को राजा बनाने के लिए चली थी।

 
 

मंथरा को अपने पूर्व जन्म में ऋषि से श्राप मिला था। कथा के अनुसार मंथरा अपने पूर्व जन्म में जंगल तप करने के लिए गई थी। उसको वहां ऋषि अपनी पत्नी के साथ आते हुए दिखे। वह उनके दर्शन करने के लिए पहुंच गई।

 

ऋषि ने उसको आता देख बड़े ही सहज भाव में पूछा कि हम दोनों में से किस का आशीर्वाद पहले लोगी। यह देख मंथरा ने सोचा कि दोनों में से कोई नाराज न हो ऐसा तरीका अपनाना होगा। उसने ऋषि के पैर छूते हुए उनको महान बता दिया। उनकी पत्नी को उनसे कमतर बताया। उसके बाद वह पत्नी का आशीर्वाद लेने पहुंची, तो ऋषि को उनसे कमतर बता दिया।

ऋषि को यह देख मंथरा पर बहुत गुस्सा आया। उन्होंने उसको श्राप देते हुए कहा कि वह अपने इस स्वभाव से अगले जन्म जिस घर में जाएगी, वहां क्लेश ही करवाएगी। यह सुन मंथरा ने क्षमा मांगी तो ऋषि ने कहा कि वह राम काम में निमित्त बनेगी।

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