अब एक क्लिक में मिलेगी धान की गुणवत्ता, खुशबू की जानकारी, 23 हजार 250 जर्मप्लाज्म की हो चुकी है कोडिंग
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की अलग-अलग किस्में, उनकी गुणवत्ता और खुशबू की जानकारी अब डिजिटल हो चुकी है।
रायपुर। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की अलग-अलग किस्में, उनकी गुणवत्ता और खुशबू की जानकारी अब डिजिटल हो चुकी है। कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालय ने मिलकर प्रदेश में धान की अलग-अलग किस्मों के जर्मप्लाज्म की जानकारी को डिजिटल रूप में करने के लिए एक साल पहले इनकी बार कोडिंग शुरू की थी।
अकेले धान की 23 हजार 250 जर्मप्लाज्म की बार कोडिंग हो चुकी है। इनमें 34 तरह गुणधर्म बताएं जा रहे हैं, जिनकी सिर्फ एक क्लिक से ही सभी खूबियां पता चल जाएंगी। इस काम में प्रदेश के कृषि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को विशेष सहयोग लिया गया है। इन विद्यार्थियों ने खेतों में जाकर फील्ड नोटबुक एप के जरिए धान की किस्मों की बार कोडिंग की है। इस प्रक्रिया के लिए अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद के कृषि विज्ञानियों ने भी मदद की है।
एक क्लिक में पता चल जाएगी खूबियां
आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन कृषि विज्ञानी डा.सुनील नायर ने बताया कि एक क्लिक करते ही धान की किस्मों की सभी खूबियां पता चल जाएगी। इस काम के लिए पहले प्रदेश के कृषि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। विद्यार्थियों ने खेतों में जाकर फील्ड नोटबुक एप के जरिए धान की किस्मों की बारकोडिंग की। फिलहाल इसमें और काम किया जा रहा है। इसके बाद लोगों को और धान की किस्मों का पता लगाने के लिए और आसानी होगी।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. गिरीश चंदेल ने कहा, पहले फसलों का डाटा हाथ से लिखा जाता था। अब इसकी बारकोडिंग की गई है। डिजिटलीकरण करके बारकोड के नंबर को स्कैन करते ही मोबाइल, कंप्यूटर या अन्य डिवाइस में धान की किस्मों की खूबियां देख सकेंगे।