LIVE Updates: ‘आर्टिकल 370 अस्थायी व्यवस्था थी, हटाने की प्रक्रिया सही’, SC जज पढ़ रहे फैसला
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संविधान पीठ का फैसला
- 16 दिन चली सुनवाई के बाद 5 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था फैसला
- सर्वोच्च अदालत के फैसले पर जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश की नजर
एजेंसी, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने 16 दिन चली सुनवाई के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीजेआई ने कहा है कि 3 जजमेंट आएंगे, लेकिन सभी जजों की राय एक रहेगी।
Article 370 SC Verdict LIVE Updates: पढ़िए फैसले की बड़ी बातें
सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा, अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को अधिकार है कि वो राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला ले सकते हैं। इसलिए फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है। दरअसल, फैसले को चुनौती देने वालों ने कहा था कि विधानसभा भंग थी, ऐसे में केंद्र कैसे फैसला ले सकता है। जहां भी विधानसभा भंग होती है, वहां केंद्र सरकार फैसले ले सकती है।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन की स्थिति में केंद्र सरकार राज्य के फैसले ले सकती है।
जैसे ही महाराजा हरी सिंह ने विलय की बात कही थी, तभी यह साफ हो गया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसलिए यहां वही कानून लागू होंगे जो बाकी देश में लागू हैं। भारत का संविदान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है।
जजों ने कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थायी व्यवस्था थी।
कुछ लड़ाई हारने के लिए लड़ी जाती हैं। – कपिल सिब्बल (आर्टिकल 370 के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पीडीपी नेता मोहम्मद सैयद खान ने कहा, ‘हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।’
कश्मीर के नेता सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उमर अब्दुल्ला का कहना है कि हम चार साल से इन दिन का इंतजार कर रहे हैं।
पीडीपी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उसकी नेता महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है। हालांकि एलजी मनोज सिन्हा ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेता भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रीनगर पुलिस ने भी कहा कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
Video: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ाई गई
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वीडियो श्रीनगर में गुपकर रोड का
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सोमवार को सुबह 10.30 बजे पीठ अपना फैसला सुनाएगी। इस फैसले पर पूरे देश की नजर है।
याचिकाओं में आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के मोदी सरकार के फैसले को चुनौती गई थी। ये याचिकाएं जम्मू-कश्मीर के विपक्ष नेताओं द्वारा दायर की गई थीं।
जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता छीनने वाले केंद्र सरकार के 5 अगस्त 2019 को संसद में पारित कराए इस फैसले की संवैधानिक वैधता क्या है, इसको स्पष्ट किया जाएगा।
फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद समेत महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इस दिन का वे चार साल से इंतजार कर रहे थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।
370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता।
Article 370: ये जज सुनाएंगे फैसला
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- प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़
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- जस्टिस संजय किशन कौल
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- जस्टिस संजीव खन्ना
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- जस्टिस बीआर गवई
- जस्टिस सूर्यकांत