मध्य प्रदेश : राजगढ़ में बोरवेल में गिरी 5 साल की बच्ची, बाहर निकालने के बाद भोपाल में इलाज के दौरान मौत"/>

मध्य प्रदेश : राजगढ़ में बोरवेल में गिरी 5 साल की बच्ची, बाहर निकालने के बाद भोपाल में इलाज के दौरान मौत

Girl Fell In Borewell Rajgarh: बोरवेल के अंदर से बच्ची को गंभीर हालात में बाहर निकाला गया था।

HIGHLIGHTS

  1. खेलते समय बोरवेल में गिरी थी 5 साल की बच्ची।
  2. 25-30 फिट गहराई पर फंसी हुई थी।
  3. एसडीईआरएफ ने बच्ची को किया था रेस्क्यू।

राजगढ़-पीपल्या रसोड़ा। राजगढ़ जिले के पीपल्या रसोड़ा गांव में मंगलवार को पांच साल की बच्ची खुले बोरवेल में गिर गई थी, जिसे रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। बच्ची को इलाज के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

 

घटना की जानकारी लगने के बाद बाद बोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। बालिका को आक्सीजन देने का प्रयास किया गया। इस दौरान बालिका की आवाज बोर के अंदर से सुनाई दे रही थी। घटना की जानकारी लगने पर एसडीईआरएफ की टीम, कलेक्टर, एसपी व विधायक भी मौके पर पहुंच गए थे।

 

जानकारी के मुताबिक पटाडि़या धाकड़ गांव के रहने वाले रवि भिलाला की पांच वर्षीय बालिका अपने मामा-नाना के गांव पीपल्या रसोड़ा गई हुई थी। यहां पर बालिका के नाना इंदर भिलाला के खेत पर बोरवेल है। मंगलवार देर शाम को खेलने के दौरान बालिका उस खुले बोरवेल में जा गिरी। इसके बाद घटना की जानकारी बोड़ा थाना पुलिस को दी।

बोड़ा थाना प्रभारी बल के साथ गांव पहुंचे। साथ ही आक्सीजन देने के लिए टीम को मौके पर बुलाया। टीम द्वारा बोरवेल में रस्सी डालकर उसे निकालने की कोशिश की गई। बालिका की आवाज आ रही थी। बालिका रस्सी को पकड़ने का प्रयास करती रही लेकिन वह बार-बार छूट रही थी। घटना की जानकारी लगने के बाद राजगढ़ से कलेक्टर हर्ष दीक्षित, एसपी धर्मराज मीना घटना स्थल पहुंचे। उधर नरसिंहगढ़ विधायक मोहन शर्मा भी वहां पहुंच गए थे।

 

रस्सी डालने पर आ रही थी बालिका की आवाज

 

घटना स्थल पर बोरवेल के गड्डे में जैसे ही रस्सी डाली जा रही थी तो बालिका की आवाज आ रही थी। बालिका बार-बार चिल्ला रही थी। बताया जा रहा है कि बोरवेल में रस्सी डालने के दौरान बालिका रस्सी भी पकड़ रही थी, लेकिन बार-बार छूट रही थी। आखिरकार उसे गंभीर हालात में बाहर निकालकर भोपाल रेफर किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

 

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