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Chhath Puja 2023: इस आरती के साथ करें छठ पूजा व्रत का समापन, संतान सुख के साथ पूरी होगी हर मनोकामना

Chhath Puja 2023 विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद छठी माता की यह आरती जरूर करना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाए यानी आज से हो गई है।
  2. यह व्रत हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।
  3. सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत करने पर परिवार को कभी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाए के साथ हो चुकी है और आज खरना की रस्म निभाई जाएगी, जिसमें महिलाएं घर में नए चूल्हे पर पहली बार छठी माता के लिए प्रसाद बनाएगी। छठ व्रत हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। 4 दिनों मनाया जाने वाला छठ पर्व यदि भक्त सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ करते हैं, तो परिवार की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, Chhath Puja पर छठी माता और सूर्य भगवान की विशेष आराधनी की जाती है। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, इस व्रत में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद छठी माता की यह आरती जरूर करना चाहिए।

 
 

छठी मैया की आरती

 

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

 
 

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय करें इस मंत्र का जाप

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

इन मंत्रों का करें जाप

    • ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:
    • ॐ सूर्याय नम:
    • ॐ भानवे नम:
    • ॐ खगाय नम:
    • ॐ घृणि सूर्याय नम:
    • ॐ पूष्णे नम:
    • ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
    • ॐ मरीचये नम:
    • ॐ आदित्याय नम:
    • ॐ सवित्रे नम:
    • ॐ अर्काय नम:
    • ॐ भास्कराय नम:
    • ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

 

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

 

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