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Vastu Shastra: चाकू को इस तरह रखना बढ़ाता है गृह-क्लेश, जानिए इससे जुड़े वास्तु नियम

वास्तु शास्त्र में रसोई की वस्तुओं को लेकर बहुत कुछ बताया गया है। हालांकि, हम बात करेंगे कि रसोई में चाकू कहां और कैसे रखना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. वास्तु शास्त्र के अनुसार, चाकू को हमेशा ढककर रखना चाहिए।
  2. चाकू के खुला होने के कारण घर में क्लेश का वातावरण बना रहता है।
  3. घर में काले रंग के चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में जीवन से जुड़ी हर बात बताई गई है। कहा जाता है कि जो लोग वास्तु शास्त्र की बताई गई बातों पर विश्वास करते हैं, उन्हें जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। वास्तु शास्त्र में घर में रखी हर एक चीज के बारे में बताया गया है। यदि चीजों को उनके सही स्थान पर रखा जाए, तो सकारात्मक प्रभाव घर में बना रहता है। वास्तु शास्त्र में रसोई की वस्तुओं को लेकर बहुत कुछ बताया गया है। हालांकि, हम बात करेंगे कि रसोई में चाकू कहां और कैसे रखना चाहिए। आइए, जानें उन वास्तु नियमों के बारे में।

 

चाकू को इस तरह रखें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, चाकू को हमेशा ढककर रखना चाहिए। चाकू को कभी भी खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, चाकू के खुला होने के कारण घर में क्लेश का वातावरण बना रहता है। मानसिक तनाव से बचने के लिए चाकू को हमेशा कपड़े से ढककर रखें।

इस रंग के चाकू का न करें उपयोग

 
 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में काले रंग के चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। खाना पकाने में भी इसे शुभ नहीं माना जाता है। आप काले रंग के अलावा किसी अन्य रंग के चाकू का भी उपयोग कर सकते हैं।

अलग चाकू का करें इस्तेमाल

अगर आप मांसाहारी खाना खाते हैं, तो आपके पास एक अलग चाकू होना चाहिए। सब्जी काटने वाले चाकू से भूलकर भी मांस न काटें। ऐसे में आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, आपको जंग लगे चाकू के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

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