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चंद्र ग्रहण के बाद महाकाल मंदिर का पवित्र नदियों के जल से शुद्धिकरण, फिर हुई भस्म आरती

Mahakal Temple Ujjain: महाकाल की भस्म आरती के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। पुजारियों ने पवित्र नदियों के जल से मंदिर का किया शुद्धिकरण।

HIGHLIGHTS

  1. चंद्र ग्रहण के बाद महाकाल मंदिर में हुआ शुद्धिकरण।
  2. भस्म आरती में बाबा महाकाल के दर्शन को उमड़े भक्त।
  3. आज से कार्तिक मास की शुरुआत, शिप्रा स्नान करने पहुंच रहे श्रद्धालु।

Mahakal Temple Ujjain: उज्जैन। चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद रविवार सुबह पुजारियों ने महाकाल मंदिर का पवित्र नदियों के जल से शुद्धिकरण किया। इसके बाद भस्म आरती हुई। बड़ी संख्या में भक्त महाकाल के दर्शन को पहुंचे।

 
 
 

भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति के लिए सर्वोत्तम कार्तिक मास आज से शुरू हो गया है। इस पुण्य पवित्र मास में उज्जैन में शिप्रा स्नान, तुलसी शालिग्राम का पूजन तथा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में दीपदान का विशेष महत्व है। इस माह में यम के निमित्त दीपदान करने से अकाल मृत्यु व अज्ञात भय का खतरा नहीं रहता है। कार्तिक मास में करवाचौथ, दीपावली, वैकुंठ चतुर्दशी जैसे अनेक प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे।

तिल्ली के तेल का दीपक लगाने से होती है यमराज की कृपा

 

ज्योतिर्विद पं.हरिहर पंड्या ने बताया कार्तिक मास में तीर्थ स्नान, तुलसी शालिग्राम का पूजन, दीपदान तथा भजन कीर्तन करने से जन्म जन्मांतर के पापों का क्षय हो जाता है। कार्तिक मास में सूर्यास्त के बाद घर की छत पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल्ली के तेल का दीपक लगाने से यमराज की कृपा तथा परिवार के सदस्यों को आयु आरोग्य की प्राप्ति होती है।

 

साथ ही अज्ञात भय का नाश होता है। मान्यता है घर की छत पर आठ पंखुड़ियों का कमल बनाकर उसके मध्य तिल के तेल का दीप प्रज्वलित करें तथा मां लक्ष्मी, इंद्र, कुबेर व यम के निमित्त ध्यान लगाकर सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, प्रगति की प्रार्थना करने से अनुकूलता प्राप्त होती है।

 

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