Maha Navami Upay: नवरात्रि के आखिरी दिन आज करें ये उपाय, पूरे साल नहीं होगी आर्थिक तंगी"/>

Maha Navami Upay: नवरात्रि के आखिरी दिन आज करें ये उपाय, पूरे साल नहीं होगी आर्थिक तंगी

Maha Navami Upay अष्टमी तिथि के अलावा आप महानवमी पर भी कन्या भोज करा सकते हैं। कन्या भोज के लिए 10 साल से कम उम्र की बच्चियों को आदर से साथ भोजन के लिए आमंत्रित करें।

HIGHLIGHTS

  1. आज 23 अक्टूबर 2023 को शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन है।
  2. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
  3. भक्तों को पूरे साल आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर्व मनाया जाता है और इस दौरान देवी मां को प्रसन्न करने के लिए हवन किया जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आज 23 अक्टूबर 2023 को शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन है और इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, नवमी के दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं तो भक्तों को पूरे साल आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

महानवमी पर जरूर करें हवन

नवरात्रि की महानवमी पर हवन जरूर करना चाहिए। हवन के बिना नवरात्रि पर्व अधूरा माना जाता है। घर में देवी के सामने मंत्रों का जाप करते हुए हवन में घी की आहुति देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता आती है और साथ ही रोगों का भी नाश होता है। परिवार के सभी सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ता है।

देवी मां को चढ़ाएं लाल चुनरी

 

देवी मां को प्रसन्न करने के लिए महानवमी पर लाल चुनरी ओढ़ाएं। इसके अलावा 1 लौंग, इलायची और सिक्का पान के पत्ते पर रखकर देवी के चरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से भी 9 दिन के उपवास के बराबर फल मिलता है। भक्तों के घर में बरकत बनी रहती है।

महानवमी पर कराएं कन्या भोज

अष्टमी तिथि के अलावा आप महानवमी पर भी कन्या भोज करा सकते हैं। कन्या भोज के लिए 10 साल से कम उम्र की बच्चियों को आदर से साथ भोजन के लिए आमंत्रित करें। शुद्ध जल से उनके पैर धुलाए और पानी को अपने सिर से लगाए। कन्याओं को खीर-पूड़ी के साथ अन्य स्वादिष्ट व्यंजन परोसे और आखिर में दक्षिणा देकर विदा करें।

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

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