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CG News: अंग्रेजी, फ्रेंच की अपेक्षा छत्तीसगढ़ी सीखने में युवाओं की दिलचस्पी ज्यादा, इन विभागों के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा सीटें खाली

रायपुर: प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कालेजों में बीए, बीकाम, बीएससी, एमएससी, एमकाम समेत अन्य पाठ्यक्रमों में शिक्षा सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया बंद हो गई है। जून में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। ज्यादा सीटें खाली होने के कारण उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश की तिथि बढ़ाकर 10 सितंबर कर दी थी। रविशंकर विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के अलावा विश्वविद्यालय में संचालित कई अध्ययनशालाओं में भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं।

आमतौर पर विश्वविद्यालय अध्ययनशालाओं की सभी सीटें भर जाती हैं, लेकिन यहां पर समाजशास्त्र, समाजकार्य, अर्थशास्त्र, प्राचीन इतिहास, भाषा सहित कई कोर्स में प्रवेश कम हुए हैं। जानकारों का कहना है कि विश्वविद्यालय अध्ययनशाला में प्रवेश कम होने का कारण प्रवेश प्रक्रिया में देरी है।
समाज कार्य और समाजशास्त्र विभाग में 50 प्रतिशत सीटें खाली हैं। युवाओं का अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा से ज्यादा रुझान छत्तीसगढ़ी सीखने में है। डिप्लोमा अंग्रेजी में छह, फ्रेंच डिप्लोमा में 13 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वहीं छत्तीसगढ़ी में 40 सीटें है जो पूरी भर गई हैं। सिंधी डिप्लोमा करने में भी छात्र रुचि दिखा रहे हैं।

 

समाजशास्त्र और समाज कार्य की नहीं भरी सीटें

समाजशास्त्र और समाजकार्य अध्ययनशाला में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। समाजशास्त्र में 18 और समाजकार्य अध्ययनशाला में 15 छात्रों ने प्रवेश लिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब से विश्वविद्यालय खुला है, तब से इन अध्ययनशालाओं की सीटें कभी भी पूरी नहीं भर पाई हैं। इनके पीछे की मुख्य वजह प्रवेश प्रक्रिया में देरी है। इसके अलावा आसपास में संचालित कालेजों में भी समाजशास्त्र और समाजकार्य की पढ़ाई होती है। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार प्रवेश लेते हैं।

 

साइंस, मैथ्स की सीटें फुल

विश्वविद्यालय में संचालित मैथ्स और साइंस अध्ययनशालाओं में प्रवेश के लिए बहुत डिमांड रहती है। इन विभागों की सीटें प्रथम काउंसिलिंग में ही लगभग भर जाती हैं। इसी तरह बायोटेक्नोलाजी, फार्मेसी, कंप्यूटर साइंस विभागों में प्रवेश लेने के लिए छात्रों के बीच काफी स्पर्धा रहती है। अध्ययनशालाओं में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।

 

कालेजों में यूजी और पीजी की 14 हजार सीटें खाली

पीआरएसयू से संबद्ध कालेजों में यूजी और पीजी की लगभग 14 हजार सीटें खाली हैं। यूजी में 42 हजार सीटें हैं, जिसमें लगभग 33 हजार सीटें भर गई हैं। इसी तरह पीजी की साढ़े दस हजार सीटों में से लगभग पांच हजार सीटें बच गई हैं। राज्य के अन्य विश्वविद्यालय जैसे दुर्ग विश्वविद्यालय, बिलासपुर विश्वविद्यालय, रायगढ़ विश्वविद्यालय, बस्तर विश्वविद्यालय और सरगुजा विश्वविद्यालय में भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं। इस प्रकार प्रदेश में लगभग 60 हजार सीटें खाली हैं।

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