भारतीय किसान संघ ने सरगुजा सांसद को सौंपा ज्ञापन, संघ ने कहा- जीएम फसल शरीर के लिए हानिकारक
भारतीय किसान संघ जीएम फसल से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को जागरूक कर सरकार के समक्ष विरोध जता रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को भारतीय किसान संघ जिला इकाई ने सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज को ज्ञापन सौंपा है।
HIGHLIGHTS
- जेनेटिक माडिफाइड सरसों के उत्पादन पर रोक की मांग।
- सरसों की गुणवत्ता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णय में इसके ऊपर संदेह जताया।
अंबिकापुर। भारतीय किसान संघ ने जीएम (जेनेटिक माडिफाइड) सरसों को शरीर के लिए हानिकारक बताते हुए इसके फसल उत्पादन पर रोक लगाने की मांग की है।
संघ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य किशोर सिंह बघेल ने ज्ञापन के माध्यम से बताया किजेनेटिकली माडिफाइड सरसों की गुणवत्ता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है यहां तक सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णय में इसके ऊपर संदेह जताया है।
देश में जीएम फसल के रूप में बीटी कपास को सन 2002 में किसानों के बीच पिछले दरवाजे से लाया गया। कपास में बैक्टीरिया से दो अलग जीन को डालकर बारी-बारी से अधिक जहरीला कपास बनाया गया और बताया गया था कि कपास में लगने वाली कीट को रोकेगा लेकिन यह झूठा साबित हुआ।
वैसे ही कई फसलों में जीव जंतुओं के जीन को डालकर नया जीव तैयारी का खेल चल रहा है। अभी तक यह तय नहीं है कि ऐसी फसलों को फसल कहें या जीव ? खाद्यान फसलों में यदि जीव जंतुओं का जीन डाला जाता है तो उसको शाकाहारी बोलेंगें या मांसाहारी यह भी तय नहीं है।
फिर भी बिना किसी चर्चा के, बिना किसी सलाह के, बिना किसी विवज्ञानी परीक्षण-निरीक्षण के बीटी बैगन से लेकर जीएम सरसों तक फसलों को भारत में लाने की कोशिशें हो रही है। उन्होंने बताया कि लगभग 20 वर्षो के अध्ययन के पश्चात् हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए माना कि जीएम पर जितने परिक्षण के प्रमाण हैं वे सभी विदेशों के ही हैं।
न्यायालय ने सरकार से चार माह के भीतर जीएम फसलों पर समिति बनाने को कहा है लेकिन अब तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई। हाल ही में कई अनुसंधान केंद्रों के द्वारा इसकी पुष्टि की गई हैं कि जीएम फसल हर प्रकार से भारत की भौगोलिक संरचना, पर्यावरण, जलवायु एवं कृषि संस्कृति के लिए सर्वथा अनुचित और हानिकारक है।
अतः इस पर तत्काल प्रभाव से देश में प्रयोग करने से रोक लगाई जाए। इसके लिए किसान संघ के द्वारा राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत सरकार के मंत्री एवं सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्रों में ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है।
इसी कड़ी में सरगुजा सांसद को ज्ञापन सौंप केंद्र सरकार से जीएम बीज के उपयोग पर रोक लगाने पहल करने की मांग की गई है। यदि सरकार ने इस पर समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया तो भारतीय किसान संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य किशोर सिंह बघेल सहित दरिमा तहसील अध्यक्ष सोमवार दास, लुंड्रा ब्लाक अध्यक्ष अनिता जायसवाल, अंबिकापुर ब्लाक अध्यक्ष बबलू नामदेव, धीरज शर्मा, बुधराम दास उपस्थित रहे।