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Ganesh Chaturthi 2023: घर में करने वाले हैं भगवान गणेश की स्थापना तो जरूर करें इन नियमों का पालन

Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए घर में स्थापना के साथ करें इन जरूरी नियमों का पालन।

HIGHLIGHTS

  1. भगवान गणेश को लाल पकड़ा या चुनरी ओढ़ाकर घर लाएं।
  2. पूर्व-उत्तर दिशा में स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है।
  3. 10 दिनों तक लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।

Ganesh Chaturthi 2023: नई दिल्ली। इस वर्ष 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म इसी दिन हुआ था। इसके साथ ही दस दिनों का उत्सव शुरू होगा। अगर आप भी अपने घर में भगवान गणेश मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं तो इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। यहां जानिए भगवान गणेश के पूजन के लिए विशेष नियम…

– भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति घर लाएं जिसमें वे गद्दी के ऊपर विराजमान हों, इसके साथ ही उनके साथ वाहन मूषक भी होना चाहिए। भगवान का प्रिय प्रसाद मोदक भी इसमें हों। सबसे खास भगवान गणेश मुकुट पहने हुए होना चाहिए। यह सभी आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएंगे।

– भगवान गणेश को अपने घर लाते हुए उन्हें लाल रंग का कपड़ा या चुनरी ओढ़ाकर लाएं।

– घर में भगवान गणेश की मूर्ति को पूर्व-उत्तर दिशा में स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है।

– भगवान गणेश का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखना शुभ नहीं माना जाता है।

– गणेश जी की मूर्ति स्थापना के साथ कलश भी रखना चाहिए और दीपक को दक्षिण पूर्व दिशा में रखें।

– अगर भगवान की मूर्ति के साथ रिद्धि-सिद्धि भी हों तो यह और भी शुभ माना जाता है, इनके साथ एक-एक सुपारी भी इनके पास में रखें।

– भगवान गणेश को लाल रंग प्रिय माना जाता है, इसलिए 10 दिनों तक लाल रंग के पुष्प अर्पित करें और लाल रंग के वस्त्रों में ही पूजन करें।

– घर 10 दिनों तक गणेश जी की मूर्ति स्थापना के समय से रोज उनका पूजन करना आश्वयक है, इसके साथ ही रोजाना 3 बार उन्हें लड्डुओं और फलों का भोग लगाएं।

– गणेश जी की पूजा करते समय उन्हें दुर्वा जरूर अर्पित करें।

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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