भारत की अध्यक्षता में हुई G20 Summit 2023 ने रचा इतिहास, यह रही बैठक की प्रमुख उपलब्धियां
G20 Summit 2023: जी-20 में अफ्रीकी संघ को किया गया शामिल, यू्क्रेन युद्ध से लेकर बायोफ्यूल तक सभी मुद्दों पर लिए गए बड़े निर्णय।
HIGHLIGHTS
- 115 से अधिक देशों से आए 25 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक।
- यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस की निंदा करने से परहेज।
- ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस को लांच किया।
G20 Summit 2023: नई दिल्ली। भारत की राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन काफी सकारात्मक रुख आया। भारत में यह सबसे ऐतिहासिक में सबसे समावेशी, सांस्कृतिक रूप से जीवंत और लक्ष्य-उन्मुख आयोजनों में से एक के रूप में दर्ज किया गया। जी-20 शिखर सम्मेलन में टेक्नोलाजी के उपयोग के जरिए जीवन को आसान बनाने के साथ, देश सभी हिस्सों में शांति लाकर देश के विकास की गति देने में मदद की है।
220 से ज्यादा मीटिंग हुईं
जी 20 समिट के दौरान 115 से अधिक देशों से आए 25 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने देशभर के 60 शहरों में 220 से ज्यादा मीटिंग की। भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 शिखर सम्मेलन की यह बैठक ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के अपने संदेश पर कायम रही, इसमें ‘अफ्रीकी संघ’ की भी सबसे बड़ी भागीदारी रही।
दिल्ली में हुई बैठक की बड़ी उपलब्धियां
– 20 देशों के ग्रुप ने शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस की निंदा करने से परहेज किया। लेकिन जमीन पर कब्जा करने के लिए सेना के उपयोग से परहेज करने की बात कही।
– समिट में हुई संयुक्त घोषणा में यह बात सामने आश्चर्यजनक रूप से सामने आई कि यूक्रेन युद्ध को लेकर ग्रुप विभाजित दिखा। पश्चिमी देशों ने पहले नेताओं की घोषणा में रूस की कड़ी निंदा पर जोर दिया था जबकि अन्य देशों ने आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की। इसमें भारत ने कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।
– जी-20 समिट के पहले दिन हुई बैठक में बड़ी उपलब्धियों में से एक कनेक्टिविटी कारिडोर रहा, जिसे जल्द ही भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लांच किया जाना है। यह कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है। जिसमें भारत, यूएई, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हो रहे हैं।
– बैठक में देशों द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया कि बाजार में संरक्षणवाद को रोककर समान अवसर और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा रहे।
– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस को लांच किया। इसमें यह भी कहा गया कि जी-20 ग्रुप पौधों और जानवरों के अपशिष्ट सहित सभी स्रोतों से प्राप्त बायोफ्यूल में व्यापार को सुविधाजनक बनाकर शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने के वैश्विक प्रयासों को गति देगा।
– दिल्ली में हुई जी-20 देशों की बैठक में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया। इसके साथ की सेना द्वारा किए गए विनाश और अन्य हमलों को रोकने का भी आह्वान किया गया।
– ग्रुप में शामिल नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की बात कही।
– जी-20 बैठक में शिक्षा क्षेत्र में लड़कियों और कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
भारत की ओर से आया यह मैसेज
जी-20 देशों की बैठक में अफ्रीकी संघ की भागीदारी ने भारत के समावेशी, बढ़ते संदेश और सभी के लिए आवाज प्रदान करने वाले संदेश को दर्शाया है। इसने बोझ को कम करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया प्रदान करने के लिए स्थिरता-आधारित विकास को प्राथमिकता देने पर भी बल दिया है।
जी-20 की पिछले बैठकों से तुलना
पिछली बार हुई जी-20 की बैठक से तुलना की जाए तो भारत की अध्यक्षता में विश्व नेताओं की बैठक को सबसे समावेशी और डिलेवरी ओरिएंटेड कार्यक्रम माना जा रहा है। भारत की अध्यक्षता में पिछली बार हुई बैठक की तुलना में अधिक मुद्दों पर चर्चा हुई और इसके लिए सहमति भी बनी। इस बैठक में 112 मुददों पर परिणाम सामने आए। जो 2017 में हुई जी-20 की बैठक में आए परिणाम से दोगुना है।