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Kitchen Vastu Tips: धन की कमी से हो गए हैं परेशान, तो किचन के इन वास्तु नियमों का जरूर रखें ध्यान

रसोईघर से जुड़ी कुछ गलतियों के कारण पूरे परिवार पर इसका असर देखने को मिलता है। इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. पूर्व दिशा की ओर मुख करके बनाएं खाना।
  2. मुख्य दरवाजे के सामने ना बनाएं किचन।
  3. किचन के मसालों को उत्तर-पश्चिम दिशा में ही रखें।

Kitchen Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर की हर एक चीज के लिए सही दिशा और स्थान निर्धारित किया गया है। सभी चीजों के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन की कमी दूर होती है। वहीं, घर का रसोईघर एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। यहां पूरे परिवार के लिए भोजन पकाया जाता है। रसोईघर से जुड़ी कुछ गलतियों के कारण पूरे परिवार पर इसका असर देखने को मिलता है। इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। आइए, जानते हैं कि रसोईघर से जुड़े वे नियम कौन-से हैं, जो परिवार की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालते हैं।

रसोई घर दक्षिण पूर्व यानी अग्नि कोण में होना उत्तम माना जाता है। ऐसी जगह किचन बनाएं, जहां से मुख्य दरवाजे के बाहर से किचन का चूल्हा न दिखाई दे।

खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए। यह दिशा सूर्य की दिशा मानी जाती है।

रसोई घर में बर्तन रखने की अलमारी को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए।

रसोई घर में उपयोग किए जाने वाले मसालों को उत्तर-पश्चिम दिशा में ही रखें। किचन में रोशनदान या खिड़कियां हमेशा बड़ी बनवानी चाहिए।

किचन में रखे जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे माइक्रोवेव, मिक्सी आदि दक्षिण पूर्व कोने में रखे जा सकते हैं।

बर्तन स्टैंड या कोई अन्य भारी वस्तु दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए। रसोई की पूर्व और उत्तर दिशा में हल्के सामान ही रखना चाहिए।

कभी भी रसोईघर की ठीक सामने शौचालय नहीं होना चाहिए। शौचालय के ऊपर या नीचे भी किचन होना अशुभ माना जाता है। ऐसा होने पर परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। रसोईघर की नियमित सफाई करनी चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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