MP Election Special: सोचा था मध्‍य प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनना और बन गए पंजाब के राज्‍यपाल

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MP Election Special: सोचा था मध्‍य प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनना और बन गए पंजाब के राज्‍यपाल

MP Election Special: राजीव गांधी की बात के बाद अर्जुन सिंह ने उनके सामने एक शर्त रखी। वह शर्त यह थी कि वे पंजाब मामले में सीधे उनसे ही बात करना चाहेंगे।

HighLights

  • राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों का जब भी उल्‍लेख होगा तब-तब धाकड़ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह का नाम अवश्‍य आएगा
  • मार्च 1985 में मध्‍य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उन्‍हीं के नेतृत्‍व में 251 सीटें मिलीं।

MP Election Special: आनलाइन डेस्‍क, इंदौर। मध्‍य प्रदेश की राजनीति और राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों का जब भी उल्‍लेख होगा तब-तब धाकड़ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह का नाम अवश्‍य आएगा। मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आज हम अर्जुन सिंह से जुड़ा एक किस्‍सा आपसे साझा कर रहे हैं।

कांग्रेस को मिली थीं 251 सीटें

अर्जुन सिंह के पांच साल मुख्‍यमंत्री रहने के बाद मार्च 1985 में मध्‍य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उन्‍हीं के नेतृत्‍व में 251 सीटें मिलीं थीं। विजयी उम्‍मीदवारों में 200 से अधिक नए चेहरे थे। कहा जाता है कि इन नेताओं को अर्जुन सिंह ने ही टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था।

 

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फ‍िर चुन लिए थे मुख्‍यमंत्री

समर्थक विधायकों की बड़ी संख्‍या के चलते लग रहा था कि अर्जुन सिंह को फ‍िर मध्‍य प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनाया जाएगा। 11 मार्च 1985 को अर्जुन सिंह को फ‍िर से कांग्रेस विधायक दल का नेता और मुख्‍यमंत्री चुन लिया गया।

फ‍िर पहुंचे दिल्‍ली

सीएम चुने जाने के अगले ही दिन अर्जुन सिंह अपने मंत्रिमंडल की सूची को अंतिम रूप देने के लिए राजीव गांधी से मिलने एक सफदरगंज रोड दिल्‍ली पहुंचे।

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यह लिखा आत्‍मकथा में

उस प्रसंग को याद करते हुए अर्जुन सिंह ने आत्‍मकथा में लिखा – जब मैं प्रधानमंत्री आवास पहुंचा तो पता चला कि कि राजीव गांधी मुख्‍य कमरे में हैं। वहां जाने से पहले मैं बाहर के चेम्‍बर में पहुंचा तो वहां माखनलाल फोतेदार बैठे थे। इसके बाद जब मैं राजीव गांधी के पास पहुंचा तो वे कुर्सी के पास खड़े थे और मेरे अभिवादन के बाद उन्‍होंंने मेरा हाथ पकड़ते हुए पंजाब जाने की बात कही।

राजीव गांधी ने कही ये बात

अर्जुन सिंह आत्‍मकथा में लिखते हैं- राजीव गांधी ने कहा कि क्‍या मुझे किसी और से इस बारे में बात करनी चाहिये, मैंने उन्‍हें जवाब दिया नहीं। मैं एकदम तैयार हूं। इसके बाद राजीव गांधी ने कहा कि मैं मध्‍य प्रदेश में अपनी पसंद का मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस अध्‍यक्ष उन्‍हें बता दूं और 14 मार्च को पंजाब पहुंच जाऊं।

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तब अर्जुन सिंह ने रखी ये शर्त

राजीव गांधी की बात के बाद अर्जुन सिंह ने उनके सामने एक शर्त रखी। वह शर्त यह थी कि वे पंजाब मामले में सीधे उनसे ही बात करना चाहेंगे। बस फि‍र क्‍या था। अर्जुन सिंह के चंडीगढ़ पहुंचने से पहले ही उनके लिए सीधी लाइन वाला फोन राजीव गांधी ने लगवा दिया। यह दोनों के बीच हाट लाइन थी।

लौट गया हवाई जहाज

इस घटनाक्रम के बाद जो हवाई जहाज अर्जुन सिंह को दिल्‍ली लेकर आया था वह वापस भोपाल चला गया। अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया कि वे एयरपोर्ट पहुंच जाएं और मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्‍ली आएं।

तब तक नहीं बताया वोरा को

जब अजय सिंह मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्‍ली जा रहे थे तब तक उन्‍हें यानि मोतीलाल वोरा को यह नहीं बताया गया था कि उन्‍हें क्‍यों दिल्‍ली लाया जा रहा है। रास्‍ते में अजय सिंह से वोरा बोले कि वे अर्जुन सिंह से कहकर उन्‍हें कैबिनेट मंत्री का पद दिलाएं। तब वोरा को क्‍या पता था कि उन्‍हें तो मुख्‍यमंत्री बनाया जा रहा है।

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