Online Cyber Crime: आनलाइन शापिंग करने वाले सावधान, बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट तैयार कर साइबर ठग कर रहे ठगी"/>

Online Cyber Crime: आनलाइन शापिंग करने वाले सावधान, बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट तैयार कर साइबर ठग कर रहे ठगी

Cyber Fraud in Chhattisgarh: साइबर फ्राड का एक नया तरीका सामने आया है। साइबर अपराधी बिग बाजार, डी-मार्ट और बिग बास्केट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं।

HIGHLIGHTS

  1. बिग बाजार, डी-मार्ट और बिग बास्केट की फर्जी वेबसाइट तैयार
  2. रायपुर पुलिस ने आनलाइन खरीदी करने वालों को किया अलर्ट
  3. लोगों को लालच देकर अपने जाल में फंसाने का करते हैं काम

रायपुर। Cyber Fraud in Chhattisgarh: साइबर फ्राड का एक नया तरीका सामने आया है। साइबर अपराधी बिग बाजार, डी-मार्ट और बिग बास्केट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। ठगों ने इन वेबसाइट्स से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर इंटरनेट मीडिया के जरिए उसका प्रचार किया और ज्यादा लोगों से ठगी करने के लिए उन्हें सस्ती ग्रोसरी का लालच दे रहे हैं। रायपुर पुलिस ने आनलाइन खरीदी करने वालों को अलर्ट किया है।

इस तरह की ठगी को अंजाम देने के लिए ठग पहले लोगों को लालच देकर अपने जाल में फंसाने का काम करते हैं। इसके लिए वे असली जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर उसे प्रचारित करते हैं। इन वेबसाइट के नाम, लोगो सबकुछ ओरिजनल जैसे होते हैं जिससे लोग इन्हें सही समझ लेते हैं। लोगों को लालच देने के लिए स्कैमर्स ग्रोसरी पर हैवी डिस्काउंट और कैशबैक के आफर्स देते हैं, फिर जैसे ही कोई व्यक्ति पेमेंट के लिए इन फेक वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स दर्ज करता है, ठग उसकी डिटेल्स चुराकर एकाउंट से पैसे उड़ा लेते हैं।

जागरूक रह कर बच सकते हैं ठगी से

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ठगी से बचने के लिए आपको जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। जब भी आपको इंटरनेट मीडिया आदि जगहों पर इस तरह के विज्ञापन दिखें जिनमें ज्यादा डिस्काउंट या कैशबैक की बात की जा रही हो तो उन पर भरोसा करने से बचना चाहिए। आनलाइन खरीददारी करते समय हमेशा आफिशियल वेबसाइट या एप का ही इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल किसी भी वेबसाइट पर डालनी चाहिए।

फर्जी वेबसाइट को कैसे पहचानें

गूगल की मदद लें

गूगल सेफ ब्राउजिंग ट्रांसप्रेंसी रिपोर्ट आपको असली और नकली वेब एड्रेस की पहचान में काफी मदद करता है। यहां जाकर आपको सिर्फ वेब एड्रेस को पेस्ट करना है और गूगल स्कैन करके आप को बताएगा कि वेब एड्रेस असली है या नहीं।

एसएसएल सर्टिफिकेट

जब भी गूगल पर कोई वेबसाइट खोलें, तो उसमें ध्यान दें कि एसएसएल सर्टिफिकेट है या नहीं। दरअसल, एसएसएल सर्टिफिकेट मतलब अगर आपको किसी वेबसाइट में एचटीटीपीएस के आगे लाक यानी ताले का निशान नहीं दिखाई दे, तो ऐसी वेबसाइट को न खोलें क्योंकि ये वेबसाइट सिक्योर नहीं होती हैं।

पाप-अप ब्रेक

गूगल पर आप जब भी कोई वेबसाइट खोलें, तो आपको ध्यान देना है कि उस पर क्या पाप-अप ब्रेक आ रहे हैं। अगर ऐसा किसी वेबसाइट पर हो रहा है, तो आपको इन पर क्लिक करने से बचना है या कोशिश करें कि यहां न जाएं क्योंकि ये वेबसाइट फर्जी हो सकती है।

यूआरएल को ध्यान से चेक करें

सिर्फ एचटीटीपीएस लिखा होना या फिर पैड लाक का साइन होना ही काफी नहीं है, ध्यान से देखें कई बार नकली वेबसाइट असली दिखने के लिए कुछ अतिरिक्त शब्द या सिंबल उपयोग करते हैं। पहली नजर में आप ये पकड़ नहीं पाते इसलिए जरूरी है कि पूरी वेबसाइट को आप ध्यान से पढ़ें।

लुभावने आफर्स

गूगल पर ऐसी वेबसाइट से सावधान रहें, जो आपको लुभावने आफर्स देती है। दरअसल, ये वेबसाइट लुभावने आफर्स देकर लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। यह डाटा चुराकर लोगों को ठगने का काम करती है।

साइबर सेल निरीक्षक गौरव तिवारी ने कहा, आनलाइन खरीददारी करते समय असली और नकली वेबसाइट की पहचान करना जरूरी है। बिना जानकारी क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी न दें।

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