Putrada Ekadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

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Putrada Ekadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

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Putrada Ekadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

HighLights

  • सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।
  • पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान के सारे कष्ट दूर होते हैं।
  • सावन महीने में ये तिथि 26 अगस्त को रात 12.08 बजे से शुरू होगी।

Putrada Ekadashi 2023: हर साल कई सारे महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। वहीं, एकादशी तिथि भी सभी तिथियों में से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। ये तिथि साल में 2 बार आती है। एक सावन में और दूसरी बार पौष माह में पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। दोनों बार ये तिथि शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखा जाता है। यह व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा से रखा जाता है।

पुत्रदा एकादशी 2023 तिथि

मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान के सारे कष्ट दूर होते हैं। इस बार सावन महीने में ये तिथि 26 अगस्त को रात 12.08 बजे से शुरू होगी। अगले दिन 27 अगस्त को 09.32 मिनट पर ये तिथि समाप्त होगी। इस बार ये उदया तिथि के कारण यह व्रत 26 की जगह 27 अगस्त को यानी रविवार को रखा जाएगा। ये व्रत रक्षाबंधन के चार दिन पहले पड़ रहा है। जो भी दंपत्ति पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हों, उनके लिए पुत्रदा एकादशी काफी महत्वपूर्ण व्रत है।

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

सावन पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 5.56 मिनट से शुरू हो जाएगा। ये शुभ मुहूर्त 1 घंटे 20 मिनट तक रहेगा। यानी 07.16 मिनट पर खत्म होगा। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करने से लाभ मिलता है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। संतान को लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इस व्रत का पारण अगले दिन 28 अगस्त को सुबह 05.57 बजे से 08.31 बजे तक किया जा सकता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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