भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा डिजिटल पर्सनल डेटा संरक्षण बिल: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर
भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा डिजिटल पर्सनल डेटा संरक्षण बिल: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर
Digital Data Protection Bill 2023: बुधवार को राज्यसभा में भी डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 पारित हो गया। तीन अगस्त को लोकसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ये भारतीय नागरिकों की डिजिटल प्राइवेसी को बनाए रखने वाला देश का पहला कानून होगा। बिल के राज्यसभा से पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुशी जताते हुए कहा कि इस विधेयक से देश के उन 140 करोड़ नागरिकों का डेटा सुरक्षित रहेगा, जो तमाम सेवाओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विधेयक के पारित होने से डिजिटल दुनिया अधिक सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद हो जाएगी।
डेटा के दुरुपयोग पर रोक
बिल के पारित होने पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इसे एक अहम कदम बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक मानक साइबर कानून के मद्देनजर, यह बिल भारत के लिए एक मील का पत्थर है। यह कानून इंटरनेट कंपनियों द्वारा भारतीय नागरिकों के निजी डेटा के दुरुपयोग और शोषण पर रोक लगाएगा। साथ ही डेटा संग्रह से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में व्यवहारिक बदलाव लाएगा।
बिल से कैसे आएगा बदलाव?
यह बिल भारत में अंदर डिजिटल पर्सनल डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया पर लागू होता है। ये डेटा ऑनलाइन या ऑफलाइन लिया जाता है और फिर डिजिटलीकरण किया जाता है। यह भारत से बाहर पर्सनल डेटा प्रोसेसिंग पर भी लागू होगा, अगर इस डेटा के जरिए भारत में वस्तुओं और सेवाओं का इस्तेमाल होता हो। अब व्यक्ति की सहमति लेने के बाद ही, सिर्फ़ वैध उद्देश्य के लिए पर्सनल डेटा को प्रोसेस किया जा सकता है। यह सहमति किसी भी समय वापस ली जा सकती है और 18 साल से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए माता-पिता या लीगल गार्जियन की सहमति लेना जरुरी होगा। यानी आपका फोन नंबर, आधार की जानकारी, फोटो, जन्म तिथि, पता आदि का इस्तेमाल बिना आपकी सहमति के नहीं किया जा सकता। साथ ही इसका इस्तेमाल सिर्फ उन्हीं जगहों (जैसे- बैंक, टेलिकॉम, अस्पताल आदि) के लिए होगा, जिसके लिए आपने ये जानकारी दी है।