SEBI ने ‘बाप ऑफ चार्ट’ सहित 6 इन्फ्लुएंसर पर लगाया बैन, कहा- निवेशकों के 17 करोड़ लौटाओ

सेबी ने अपंजीकृत निवेश सलाहकार मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी और सात संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की। अंसारी ने बाप ऑफ चार्ट नाम से अवास्तविक रिटर्न का वादा किया था। सेबी ने उन्हें और उनकी संस्थाओं को प्रतिबंधित किया और 17.2 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस करने का आदेश दिया।

बिजनेस डेस्क, इंदौर। भारतीय बाजार नियामक सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने हाल ही में अपंजीकृत निवेश सलाहकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इन सलाहकारों पर आरोप है कि वे निवेशकों को गुमराह करके उन्हें अवास्तविक रिटर्न का वादा करते थे।

इनमें प्रमुख नाम मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी का है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से निवेश सलाह दिया करता था। इस कार्रवाई के तहत सेबी ने अंसारी सहित सात संस्थाओं को एक साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उन्हें 17.2 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस करने का आदेश भी दिया है।

‘बाप ऑफ चार्ट’ की धोखाधड़ी

मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी, जो ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से जाना जाता है। वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था। वह निवेशकों को शेयर बाजार में खरीदने और बेचने के लिए सिफारिशें देता था, जो पूरी तरह से अवास्तविक थीं। सेबी के अनुसार अंसारी ने शैक्षिक प्रशिक्षण के नाम पर अपनी सलाह दी थी, लेकिन उनका असली मकसद निवेशकों से शुल्क लेना और अवैध तरीके से धन जुटाना था।

अंसारी का कहना था कि वह निवेशकों को शैक्षिक पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, लेकिन सेबी ने पाया कि उनका उद्देश्य निवेशकों से पैसे की उगाही करना था। वह सोशल मीडिया पर आकर्षक वीडियो और झूठे वादों के जरिए ग्राहकों को अपनी सेवाओं के लिए आकर्षित करता था।

उदाहरण के तौर पर उन्होंने YouTube पर एक ट्रेलर वीडियो जारी किया, जिसमें वह भव्यता और दिखावे से अपने पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए दर्शकों को प्रेरित करते थे।

अन्य संस्थाओं पर भी कार्रवाई

इस मामले में शामिल अन्य संस्थाएं भी वही काम कर रही थीं, जो अंसारी के साथ मिलकर निवेश सलाह का कारोबार कर रही थीं। इनमें राहुल राव पदमती, तबरेज अब्दुल्ला, आसिफ इकबाल वानी, गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (GSVPL), मंशा अब्दुल्ला और जादव वंशी शामिल हैं।

सेबी ने पाया कि ये संस्थाएं भी अंसारी के साथ मिलकर अवैध निवेश सलाहकार सेवाएं दे रही थीं। इन्हें भी छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।

निवेशकों को लौटाए जाएंगे 17.2 करोड़ रुपये

सेबी ने इन संस्थाओं और अंसारी को 17.2 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया है। यह राशि उन लोगों से इकट्ठा की गई थी, जिन्होंने इन अवैध सलाहकार सेवाओं के लिए भुगतान किया था। इसके अलावा सेबी ने अंसारी पर 20 लाख रुपये और बाकी सभी संस्थाओं पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

धोखाधड़ी के आरोप

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने इस मामले में कहा कि अंसारी जैसे अपंजीकृत निवेश सलाहकार निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं। उन्हें बड़े जोखिम में डाल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंसारी ने अपने नुकसान को छुपाते हुए निवेशकों से अवास्तविक रिटर्न का वादा किया था। उनके द्वारा दी गई शैक्षिक सेवाएं असल में निवेशकों को धोखा देने का एक तरीका थीं।

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