मणिपुर हिंसा मामले में राष्ट्रपति से मिले विपक्षी नेता, ज्ञापन सौंपा, पढ़िए बयानबाजी

नई दिल्ली (LIVE Delhi Services Bill Debate in Lok Sabha)। दिल्ली सेवा बिल पर लोकसभा में बुधवार को चर्चा हो रही है। दिल्ली में सेवाओं पर केंद्र सरकार को अधिक अधिकार देने वाला यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था। सबकुछ ठीक रहा तो दिनभर की चर्चा के बाद शाम को इस पारित भी कर दिया जाएगा। संख्या बल के हिसाब से लोकसभा में सरकार को इसे पारित कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। भाजपा ने अपने लोकसभा सदस्यों को बुधवार को दिनभर सदन में मौजूद रहने के लिए तीन पंक्तियों का व्हिप जारी किया है। यहां पढ़िए मामले से जुड़े ताजा अपडेट

 

तस्वीर: राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दलों के नेता

 

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राष्ट्रपति से मिला विपक्षी दलों का शिष्टमंडल

 

मणिपुर हिंसा मामले में संसद में हंगामा जारी है। इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के  नेतृत्व में विपक्षी नेताओं के दल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। मुलाकात के बाद बाहर  आने पर खरगे ने बताया, “सभी ने राष्ट्रपति के सामने मणिपुर के हालात रखे  हैं और पीएम के जवाब की मांग की है। राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है। ”

  • लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू

    लोकसभा और राज्यसभा में आज की कार्यवाही शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता हंगामा कर रहे हैं।

    BTS किसके साथ, I.N.D.I.A. गठबंधन या एनडीए?

    तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष केसी राव से पूछा गया कि उनकी पार्टी I.N.D.I.A. गठबंधन के साथ है या एनडीए के साथ? उन्होंने जवाब दिया, “हम न तो किसी के साथ हैं और न ही किसी के साथ रहना चाहते हैं। हम अकेले नहीं हैं और हमारे दोस्त भी हैं। नया भारत क्या है? वे 50 साल तक सत्ता में थे, कोई बदलाव नहीं हुआ क्या।”

    BJD और YSR कांग्रेस राघव चड्ढा की प्रतिक्रिया

    BJD और YSR कांग्रेस ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन करने का फैसला किया है। इस पर आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा, “इन दलों ने कुछ मजबूरियों के कारण यह फैसला लिया होगा। जो लोग इस बिल का समर्थन करेंगे, उन्हें राष्ट्र-विरोधी के रूप में याद किया जाएगा। हम भारत के संविधान को बचाने के लिए लड़ेंगे।”

    सौरभ भारद्वाज ने BJD, YSR कांग्रेस को किया अलर्ट

    आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “ऐसी कई पार्टियां हैं, जो संसद में भाजपा की मदद करती रही हैं जैसे,  BJD, YSR कांग्रेस और अन्य। इन सभी पार्टियों की अपनी-अपनी राजनीति है, लेकिन जब भी मौका मिलेगा, ये पार्टियां टूट जाएंगी। भाजपा ऐसा करने का मौका नहीं छोड़ेगी।”

    • लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नहीं होगी सरकार को कोई परेशानी

       

      •  भाजपा के अकेले 301 सदस्य और NDA के मिलाकर 330 से अधिक सदस्यों के साथ लोकसभा में विधेयक आसानी से पास होना तय है।
        • अब वाईएसआर कांग्रेस के बाद बीजद का साथ मिलने से राज्यसभा में इसे पास कराने में कोई मुश्किल नहीं होगी। दोनों पार्टियों के राज्यसभा में नौ-नौ सदस्य हैं।
        • राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा था, लेकिन विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन की पार्टियों के कुल 101 सांसद ही राज्यसभा में हैं।
        • BRS के सात सदस्यों और निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल का साथ मिलने से विधेयक का विरोध करने वाले सदस्यों की संख्या 109 तक ही पहुंचती है।
        • NDA के 111 सदस्य और BJD व YSR कांग्रेस के 18 सदस्यों को जोड़कर विधेयक का समर्थन करने वालों सदस्यों की संख्या 129 हो जाएगी।

      BJD और YSR कांग्रेस के समर्थन से NDA मजबूत

      बीजद खुलकर विधेयक के समर्थन में आ गई। बीजद सदस्य पिनाकी मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले को पढ़कर सुनाते हुए कहा कि इसमें केंद्र सरकार के दिल्ली के संबंध में कानून बनाने के अधिकार का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इसीलिए इस विधेयक को पेश करने के केंद्र सरकार के अधिकार पर सवाल उठाना गलत है। वाइएसआर कांग्रेस पहले ही विधेयक के समर्थन देने का एलान कर चुकी है।

      AAP को उम्मीद, लोकसभा में पास नहीं होगा बिल

      आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा, ”लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली सभी पार्टियां इस बिल के खिलाफ वोट करेंगी और यह लोकसभा में पास नहीं होगा।”

      • क्या कांग्रेस में होगी क्रॉस वोटिंग?

        कांग्रेस के पंजाब से लोकसभा में आठ सदस्य हैं, जो खुलकर विधेयक के समर्थन में केजरीवाल के साथ जाने का विरोध कर चुके हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान के विधेयक का विरोध करने के फैसले के बाद लोकसभा में मतदान के दौरान उनका क्या रुख रहता है।

        विधेयक के विरोध में ओवैसी

        विधेयक का विरोध करते हुए एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर तीखा कटाक्ष किया। ओवैसी ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोलने तक संसद नहीं चलने देने का एलान करने वाले विपक्षी दल आज संसद में विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस ने भले ही विधेयक का विरोध किया है, लेकिन अन्य पार्टियों की तरह उसने इसके लिए व्हिप जारी नहीं किया है।

        • कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का बयान

           

          बुधवार को लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे  विधेयक को संघीय ढांचे के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सहयोगी संघवाद की कब्र खोदने वाला है।

          अमित शाह ने खारिज किया विपक्ष का विरोध

          दिल्ली में सेवाओं पर केंद्र सरकार को अधिक अधिकार देने वाले विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। यह विधेयक इस सिलसिले में जारी अध्यादेश की जगह लेगा। वैसे अध्यादेश की तुलना में विधेयक में कुछ परिवर्तन भी किए गए हैं। विधेयक पेश करने के सरकार के अधिकार पर सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने विरोध किया, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया कि विधेयक संविधान सम्मत और नियम के अनुरूप है और इसका विरोध सिर्फ राजनीतिक कारणों से हो रहा है।

       

       

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