Gwalior Court News: पुलिस चौकी में घुसकर एएसआइ की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन दोषियों को उम्रकैद
Gwalior Court News: पुलिस चौकी में घुसकर एएसआई की हत्या करने वाले तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
Gwalior Court News: ग्वालियर शब्द प्रताप आश्रम पुलिस चौकी में एएसआइ आरके गौतम की दो अलग-अलग बाइकों पर सवार होकर आए छह बदमाशों ने चौकी में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। और पिस्टल लूटकर ले जाने वाले दुस्साहसिक वारदात में चिन्हित बंटी उर्फ सतेंद्र किरार, मनीष किरार, अनूप नागर पर आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश संजय गोयल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस वारदात में नामजद विक्की उर्फ विकास, सोनू नागर और शेरा उर्फ रवि पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
हत्या और डकैती की यह वारदात दो दिसंबर 2014 की रात की है। दोषियों काे सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने टिप्पणी कर कहा कि यह सही है कि यह अपराध जघन्य हैं। इस वारदात के उपरांत मुजरिमों द्वारा कोई अन्य अपराध संज्ञान में नहीं आया है। इसलिए मृत्युदंड की सजा दिया जाना उचित नहीं है। तीनों मुजरियों को आजीवन कारावास के साथ दो हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया जाता है। आरोपित द्वारा अब तक न्यायिक हिरासत में रहे समय को भी सजा में जोड़ा जाए। इस मामले में शासन की और से पैरवी अपर लोकअभियोजक सचिन अग्रवाल द्वारा की गई। हत्या के बाद एएसआइ की पिस्टल लूटकर ले गए थे बदमाश : वारदात दाे दिसंबर 2014 की रात की है। बहोड़ापुर थाने में पदस्थ एएसआइ आरके गौतम चौकी में मौजूद थे। उसी समय दो अलग-अलग बाइकों से छह बदमाश आए थे और एएसआइ के साथ पिस्टल छीनने के लिए छीना-झपटी करने लगे थे।
बदमाशों ने दुस्साहसिक तरीके से गौतम पर एक के बाद एक छह फायर किए। एएसआइ गोली लगने से घायल होने के बाद बचने के लिए निजी हास्पिटल की तरफ भागे और सड़क पर गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दुस्साहसिक वारदात से समूचे शहर में दहशत फैल गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज से बदमाशों की पहचान की थी।
तीन बदमाश मारे गए थे और तीन पकड़े गए थे
पुलिस के साथ हुये एनकाउंटर में तीन बदमाश पुलिस की गोली लगने से मारे गए और तीन बदमाशों को पुलिस ने डकैती, हत्या, मप्र डकैती अधिनियम के मामले में गिरफ्तार किया था। बहोड़ापुर थाना पुलिस ने इनके खिलाफ चालान पेश किया। गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर बंटी उर्फ सतेंद्र किरार, मनीष किरार, व अनूप नागर की इस दुस्साहसिक वारदात में संलिप्ता पाई गई है। अभियोजन ने मृत्युदंड की मांग की: अभियोजन पक्ष ने लोकसेवक की हत्या और डकैती के गुनाहगारों को मृत्युदंड की मांग की थी। न्यायालय ने कहा इसमें कोई दो मत नहीं कि अपराध गंभीर है। किंतु इस वारदात के बाद तीनों मुजरिमों ने और कोई संगीन वारदात नहीं की है। इसलिए आजीवान कारावास सजा से दंड़ित किया जाता है।