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Khandwa Lok Sabha Election: जब एक बुजुर्ग महिला ने भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के साथ में रख दिया 100 रुपये का नोट

खंडवा लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के 70 दिन बाद सुबह आठ बजे तक सोए ज्ञानेश्वर पाटिल, परिवार संग बिताया समय।

HIGHLIGHTS

  1. संसदीय क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं को भी दिया समय।
  2. साझा किए चुनाव के दौरान खट्टे मीठे पल।
  3. पाटिल प्रचार के दौरान रोजाना करीब तीस बूथों तक पहुंचते थे और लोगों से मिलते थे।

Khandwa Lok Sabha Election:बुरहानपुर। खंडवा संसदीय क्षेत्र के लिए भले ही मतदान 13 मई की शाम समाप्त हो गया, लेकिन भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल करीब चौबीस घंटे बाद मंगलवार रात चैन की नींद ली। करीब सत्तर दिन बाद उन्होंने आठ घंटे से ज्यादा नींद ली और बुधवार सुबह आठ बजे उठे। इसके बाद उन्होंने परिवार को समय दिया।

पोती से दुलार करते हुए उन्होंने संसदीय क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया। इस दौरान उन्होंने नईदुनिया से चुनावी यादों को साझा करते हुए खंडवा में हुई एक घटना को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक दिन वे खंडवा के बाजार में जनसंपर्क कर रहे थे। वहां मौजूद एक सामान्य परिवार की वृद्ध महिला के चरण स्पर्श कर जीत का आशीर्वाद मांगा।

वृद्धा ने उन्हें आशीर्वाद दिया। ज्ञानेश्वर पाटिल आगे बढ़ने लगे तो वृद्धा ने हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया। इसके बाद अपने पर्स से निकाल कर सौ रुपये का नोट उनके हाथ में रख दिया। पाटिल ने जब पूछा कि यह किस लिए तो वृद्धा ने कहा कि तुम्हारे चुनाव लड़ने के लिए है। इस घटना को ज्ञानेश्वर पाटिल अब भी नहीं भूल पाए हैं।

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रोजाना तीन सौ किमी घूमे, तीन से चार घंटे सोए

भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि चुनाव के दौरान वे करीब सत्तर दिन लोकसभा क्षेत्र के भ्रमण पर रहे। रोजाना वे करीब 300 किमी का सफर करते थे। इस दौरान रोजाना करीब तीस बूथों तक पहुंचते थे और लोगों से मिलते थे।

इस लिहाज से वे लोकसभा क्षेत्र के सभी 2100 बूथों तक पहुंचे हैं। इस अवधि में वे बमुश्किल तीन से चार घंटे ही सो पाते थे। रोजाना रात एक से दो बजे के बीच वापस लौटते थे और सुबह छह बजे फिर निकल पड़ते थे। इस दौरान क्षेत्र की जनता का भरपूर आशीर्वाद भी उन्हें मिला।

कार्यकर्ता और समर्थक गुणा भाग में जुटे

मतदान के बाद सभी प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम में कैद हो चुका है। किसे जनता ने आशीर्वाद दिया और किसे नहीं इसका फैसला चार जून को होना है, लेकिन इससे पहले दोनों प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता व समर्थक जीत-हार का गुणा भाग लगाने में जुटे हुए हैं।

बुधवार को भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के आवास में भी उनके खास लोग एकत्र हुए थे। उनहोंने बूथवार हुई मतगणना और भाजपा को मिलने वाले संभावित वोटों का अनुमान लगाते हुए चर्चा की।

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